पटना । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हेलीकॉप्टर से एरियल सर्वे किया। उनके साथ आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सर्वे के दौरान मनुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत और आपदा प्रबंधन से जुड़े अहम निर्देश दिए, जिसमें प्रभावित परिवारों के बीच अनुग्रह राहत राशि का तत्काल वितरण और किसानों को फसल क्षति का मुआवज़ा देने की बात शामिल है।
मुख्यमंत्री ने प्रशासन को सख्त हिदायत दी कि नदी किनारे के इलाकों में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए 24×7 अलर्ट रहें और प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाएं। उन्होंने पथ निर्माण और ग्रामीण कार्य विभाग को भी आदेश दिया कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का तुरंत पुनर्स्थापन कर आवागमन बहाल किया जाए।
आपदा प्रबंधन के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि गंगा नदी किनारे के 10 जिले विशेष रूप से प्रभावित हैं। इन 10 जिलों के 54 प्रखंडों की 348 पंचायतों में लगभग 25 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। एनडीआरएफ की 7 और एसडीआरएफ की 9 टीमें, 60 मोटर बोट और 1233 नावों के साथ राहत-बचाव कार्य में जुटी हैं। अब तक 52,573 पॉलीथीन शीट और 1,800 सूखा राशन पैकेट वितरित किए गए हैं।
हालात यह हैं कि कई इलाकों में लोग नाव और अस्थायी बेड़ों के सहारे रोज़मर्रा की जरूरतें पूरी कर रहे हैं। सरकारी दावों के बावजूद, कई जगह पेयजल, दवा और सूखे राशन की कमी जैसी समस्याएं कायम हैं। खेतों में पकी हुई फसलें पानी में सड़ रही हैं, जिससे किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया है।
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