
जयपुर। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित फसलों की कटाई के बाद खेत में 14 दिन तक सुखाने के लिए रखी गई अधिसूचित फसलों के प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होने पर किसान को 72 घंटे के भीतर सूचना देना आवश्यक है। सूचना देने पर ही किसान को योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार, जिला परिषद जयपुर, कैलाश चंद मीणा ने बताया कि खरीफ वर्ष 2025 में जिले की अधिसूचित फसलें—बाजार मूंग, मूंगफली, ज्वार, तिल, ग्वार और चावला हैं। बुवाई से लेकर कटाई तक इन फसलों में सूखा, लम्बा सूखा काल, बाढ़, जलभराव, कीट एवं व्याधि, भूस्खलन, बिजली गिरना, प्राकृतिक आग, तूफान, ओलावृष्टि और चक्रवात जैसी आपदाओं से हुए नुकसान पर मुआवजा दिया जाएगा। यह मुआवजा राज्य सरकार द्वारा सम्पादित फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर संबंधित हल्का पटवार क्षेत्र के सभी किसानों को औसत उपज की तुलना में गारंटी उपज से कम होने की स्थिति में उपलब्ध होगा।
उन्होंने बताया कि कटाई के बाद खेत में सुखाने के लिए रखी गई अधिसूचित फसलें यदि चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, बेमौसम वर्षा अथवा ओलावृष्टि से प्रभावित होती हैं, तो नुकसान का आकलन व्यक्तिगत स्तर पर बीमित किसान की फसल के आधार पर किया जाएगा।
किसान फसल खराबे की सूचना देने के लिए ‘कृषि रक्षक पोर्टल’, हेल्पलाइन नंबर 14447, PMFBY क्रॉप इंश्योरेंस ऐप या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चैटबोट नंबर 7065514447 पर संपर्क कर सकते हैं।
जयपुर जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कृषि बीमा कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा नियुक्त तहसील स्तर के समन्वयकों की सूची इस प्रकार है। जिले के जिला समन्वयक मगनलाल मीणा (मोबाइल नं. 8006867172) हैं। जिले में खरीफ वर्ष 2025 के लिए अधिसूचित बीमा कम्पनी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड है। कम्पनी द्वारा प्रत्येक तहसील स्तर पर समन्वयक नियुक्त किए गए हैं ताकि किसान समय पर फसल खराबे की सूचना देकर योजना का अधिकतम लाभ ले सकें।
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