लखनऊ। रविवार को हुई झमाझम बारिश के बाद राजधानी में जलभराव की समस्या पैदा हो गई। देर शाम टीवी चैनलों पर जलभराव की खबरें सुर्खियां बन गई। देर रात हुई तेज बारिश के बाद सुबह जलभराव की खबरें अखबारों में उतराने लगी। इन खबरों को पढ़ने के बाद शीर्ष अधिकारियों के कॉलों से लखनऊ का प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मूड में आ गया। सोमवार को जिलाधिकारी विशाख जी ने शहर के प्रमुख पंपिंग स्टेशनों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। डीएम ने संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कहीं भी जलभराव की स्थिति न बनने पाए और 24 घंटे निगरानी टीम तैनात की जाए।
डीएम विशाख जी के निरीक्षण की शुरुआत जनेश्वर मिश्र पार्क के गेट नंबर 2 पर स्थित बाढ़ पंपिंग स्टेशन से हुई। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने उन्हें बताया कि नैमिष और भटपुरा स्टेशन पर लगातार मॉनिटरिंग हो रही है। फिलहाल जल स्तर सामान्य है, लेकिन बढ़ने की स्थिति में बैराज के गेट ऑपरेट कर लेवल नियंत्रित किया जाएगा। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ने जानकारी दी कि इस पंपिंग स्टेशन से गोमती नगर, मुंशी पुलिया, इंदिरानगर सेक्टर 8 और पटेल नगर का पानी निकाला जाता है। डीएम ने ड्रेनों की लगातार निगरानी के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम गऊघाट स्थित सरकटे नाले के बैरल नंबर 32 और गऊघाट पंपिंग स्टेशन पहुंचे। यहां नगर निगम जोन-6 के अधिकारियों ने बताया कि 13 पंप लगे हैं जो सभी एक्टिव हैं। भारी बारिश में गेट बंद कर इन पंपों से पानी निकाला जाता है। बारिश को देखते हुए कर्मचारी 24x7 शिफ्ट में ड्यूटी कर रहे हैं। यहां भी फिलहाल जलस्तर सामान्य मिला। निरीक्षण के अंतिम पड़ाव पर डीएम जी-20 रोड पर पहुंचे। यहां मुख्य अभियंता ने बताया कि सभी पंपिंग स्टेशन पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं। डीएम ने सिंचाई विभाग और नगर निगम को तालमेल बैठाकर बैराज गेट संचालन के निर्देश दिए ताकि कहीं जलभराव न हो। डीएम ने नगर निगम के अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि सभी ज़ोन में अतिरिक्त पंप और जेनसेट की व्यवस्था तत्काल करें। साथ ही शहरी इलाकों में टीम लगाकर लगातार 24 घंटे निगरानी सुनिश्चित करें। किसी भी हालत में शहर में जलभराव की स्थिति नहीं बनने दी जाए। निरीक्षण के दौरान सिंचाई विभाग, नगर निगम के चीफ इंजीनियर और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
लगातार बारिश से राजधानी में बाढ़ जैसे हलात,गऊ घाट पर रोका गया पानी
तीन दिनाें से बारिश हो रही है। बीते 50 घंटे से रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश ने जहां शहर की सड़कों और मोहल्लों को पानी से लबालब कर दिया है, वहीं गोमती नदी का जल स्तर भी बढ़ गया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए सिंचाई विभाग ने गऊ घाट पर पानी को स्टोर करना शुरू कर दिया है, ताकि अचानक बहाव से कोई दिक्कत नहीं हो। बारिश का असर सबसे ज्यादा गोमतीनगर, चिनहट, इंदिरानगर, अलीगंज, फैजुल्लागंज और मलिहाबाद जैसे इलाकों में देखा गया, जहां जलभराव के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई घरों और दुकानों में पानी घुस गया, जिससे सामान खराब हो गया और लोगों को बिजली कटौती जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। भारी बारिश के चलते शहर के अनेक पुराने और अस्थायी नालों से गंदा और अपशिष्ट जल सीधे गोमती नदी में गिर रहा है। इसके कारण नदी के किनारे झाग की परतें दिखाई देने लगी हैं, जो नदी के प्रदूषित होने का संकेत है। यह स्थिति न केवल एक पर्यावरणीय संकट को जन्म दे रही है, बल्कि जल जनित रोगों के फैलने की भी आशंका को बढ़ा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस झाग का मुख्य कारण नालों का सीधा प्रवाह, बंद पड़े एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट), और औद्योगिक कचरे का नदी में गिरना है। पिछले कुछ वर्षों में गोमती को साफ करने के लिए कई योजनाएं बनीं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका असर न के बराबर रहा है। सिंचाई विभाग के अफसरों ने बताया कि जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए गोमती बैराज के गेट आवश्यकता अनुसार खोले जा रहे हैं। विभाग ने गऊ घाट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में पानी को अस्थायी रूप से रोका है ताकि निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति न बने।
बारिश के दौरान बिजली सप्लाई प्रभावित
बारिश के बाद कई इलाकों में बिजली आपूर्ति चरमरा गई है। अमेठिया फीडर से जुड़े बसन्त कुंज उपकेंद्र अंतर्गत गांव भूहर में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। सोमवार सुबह से अब तक करीब 20 बार बिजली सप्लाई ट्रिप कर चुकी है, जिससे करीब 1900 उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रीय निवासियों के अनुसार, बीते दो घंटे से बिजली पूरी तरह से बंद है। रविवार रातभर भी ट्रिपिंग होती रही, जिससे लोग रातभर गर्मी और अंधेरे में परेशान रहे। सुबह से बिजली सप्लाई बार-बार बाधित हो रही है, जिससे पंखे, कूलर और घरेलू उपकरण ठप पड़े हैं। गर्मी के बीच बच्चों और बुजुर्गों की हालत सबसे ज्यादा खराब हो गई है। वहीं, बिजली न होने से पेयजल संकट भी गहरा गया है क्योंकि मोटरें नहीं चल पा रही हैं। ग्रामीणों ने अवर अभियंता और संबंधित अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि क्षेत्र की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
गोमती में मछली पकड़ने गए दो लोग डूबे
गोमती नदी में दो व्यक्ति लापता हो गए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू चला रही हैं। ठाकुरगंज इलाके के बरी कला गांव के रहने वाले 50 वर्षीय सनोज कश्यप कल रात 11 बजे से लापता हैं। वह गोमती नदी में मछली पकड़ने गए हुए थे, लेकिन वापस घर नहीं लौटे। नदी किनारे उनके कपड़े मिले हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है सनोज नदी में डूब गए हैं। उसके साथ ही एक अन्य व्यक्ति के डूबने की सूचना है।
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