डिस्कॉम ने नए मुफ़्त बिजली मॉडल (पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना) के तहत सौर पैनल लगाने के लिए पंजीकरण शुरू करने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। यह योजना चरणों में लागू की जाएगी। शुरुआत में, 150 यूनिट प्रति माह तक खपत करने वाले 77 लाख उपभोक्ताओं को इसके दायरे में लाया जा रहा है।
विद्युत विभाग और डिस्कॉम ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय को एक नई योजना सौंपी है। पीएम सूर्य घर योजना के तहत, डिस्कॉम इन उपभोक्ताओं की छतों पर 1.1 किलोवाट के सौर पैनल लगाएँगे। शुरुआत में इसमें 10 लाख उपभोक्ताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। गौरतलब है कि मंत्रालय ने इन्हें सामुदायिक मॉडल में शामिल करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद नई योजना पर काम शुरू हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्री सोमवार को जयपुर आ रहे हैं और सरकार उनके साथ पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करेगी। इसी सिलसिले में डिस्कॉम के अधिकारी रविवार को इस संबंध में मंत्रालय के संपर्क में थे। राज्य में 1.04 करोड़ घरेलू उपभोक्ता हैं। 150 यूनिट से अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को बाद में इसके दायरे में लाया जाएगा। इन उपभोक्ताओं के लिए भी बातचीत चल रही है।
यहाँ चिंता की बात यह है कि अगर सब्सिडी बाद में मिलती है, तो पैनल कौन लगाएगा?
मुफ़्त बिजली योजना के नियमों में बार-बार बदलाव से भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अधिकारियों की सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर पैनल लगाने की ज़िम्मेदारी उपभोक्ताओं पर छोड़ दी जाए और सब्सिडी उनके खातों में जमा हो जाए, तो क्या लोग स्वेच्छा से इस योजना में शामिल होंगे। मौजूदा प्रावधान के अनुसार, राज्य सरकार ₹17,000 की सब्सिडी तभी देगी जब केंद्र सरकार प्रधानमंत्री सूर्य गृह योजना के तहत ₹33,000 की सब्सिडी मंज़ूर करेगी। नतीजतन, उपभोक्ताओं को पूरी शुरुआती लागत वहन करनी होगी, जो चिंता का विषय हो सकता है।
सरकार के पास दो विकल्प हैं:
1.1 किलोवाट के सौर पैनल के लिए उपभोक्ताओं को सीधे ₹17,000 की सब्सिडी प्रदान करें ताकि वे स्वयं पैनल लगा सकें, या डिस्कॉम द्वारा पैनल लगवाकर उपभोक्ताओं को मुफ़्त बिजली प्रदान की जाए।
यह मुफ़्त बिजली का एक नया मॉडल है।
सौर पैनलों से जुड़ी 150 यूनिट प्रति माह तक मुफ़्त बिजली की यह योजना चरणबद्ध तरीके से लागू की गई है। इस योजना के तहत, घरेलू उपभोक्ताओं को 1.1 किलोवाट का सोलर पैनल लगवाना होगा, जिसकी लागत ₹17,000 होगी। इसके अलावा, केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी भी मिलेगी। वर्तमान में, मुख्यमंत्री मुफ़्त बिजली योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को सालाना लगभग ₹6,200 करोड़ की मुफ़्त बिजली उपलब्ध कराई जा रही है।
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