मेहनत और लगन अगर सच्ची हो तो हालात चाहे जैसे भी हों, सफलता जरूर मिलती है — इस कहावत को सच कर दिखाया है बीकानेर के बीछवाल थाने में तैनात हेड कॉन्स्टेबल के बेटे ने। सीमित साधनों और साधारण परिवेश में पले-बढ़े इस युवक ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा में प्रदेशभर में 62वीं रैंक हासिल कर परिवार, शहर और पुलिस विभाग का नाम रोशन किया है।
बीछवाल थाने में तैनात हेड कॉन्स्टेबल ने बेटे की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा,
“कल तक मैं जिन अफसरों को सैल्यूट करता था, आज मेरा बेटा उन्हीं अफसरों की तरह अफसर बन गया है। एक पिता के लिए इससे बड़ा गर्व का पल कोई नहीं हो सकता।”
पिता ने बताया कि बेटे ने अपनी पढ़ाई सरकारी स्कूल से की और आगे की तैयारी अपने दम पर की। आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के बावजूद उसने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत की। परिवार ने हमेशा उसका हौसला बढ़ाया और विश्वास रखा कि एक दिन वो बड़ा मुकाम जरूर हासिल करेगा।
RAS परीक्षा में चयन के बाद बेटे ने भी पिता के समर्पण को सलाम करते हुए कहा, “मेरे पिता मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। वे हमेशा कहते थे कि वर्दी में ईमानदारी और सेवा ही सबसे बड़ी पहचान है। आज उनकी मेहनत और संस्कारों की बदौलत मैं यह सफलता हासिल कर पाया हूँ।”
बीछवाल थाना प्रभारी सहित पूरे पुलिस स्टाफ ने हेड कॉन्स्टेबल और उनके बेटे को बधाई दी है। थाने में मिठाइयाँ बाँटी गईं और सभी ने कहा कि यह उपलब्धि पुलिस परिवार के लिए प्रेरणास्रोत है।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने भी इस सफलता पर गर्व जताते हुए कहा कि यह कहानी उन सभी युवाओं के लिए उदाहरण है जो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखने की हिम्मत रखते हैं।
बीकानेर में अब यह कहानी चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग कह रहे हैं कि मेहनत और लगन के सामने कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। एक हेड कॉन्स्टेबल का बेटा आज अफसर बनकर न सिर्फ अपने पिता का सपना पूरा कर रहा है, बल्कि हजारों युवाओं के लिए उम्मीद की नई किरण बन गया है।
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