अजमेर के सिविल लाइंस में तैनात कांस्टेबल पवन मीना की पुलिस तलाश कर रही है। पवन ने एक कंपनी में निवेश के नाम पर चार गुना मुनाफे का लालच देकर 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की है। वह सभी पुलिसकर्मियों को कुछ ही महीनों में करोड़पति बनाने का लालच देता था। ठगी के शिकार सभी लोग भी पुलिसकर्मी ही हैं। ठगी का शिकार हुए कई पीड़ितों ने अपनी जमापूंजी, मकान और जमीन बेचकर पैसे निवेश कर दिए। कुछ ने पत्नी के जेवर पर लोन लेकर निवेश कर दिया ताकि करोड़पति बन सकें। ऐसा ही एक पुलिसकर्मी भी सामने आया है जिसने निवेश के लिए एक करोड़ रुपए दिए थे।
ठगी को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड कांस्टेबल पवन मीना फरार है। उसके खिलाफ पुलिस लाइन में ही एफआईआर दर्ज कराई गई है। आरोपी कांस्टेबल पवन मीना को सस्पेंड कर दिया गया है। ठगी के खेल का खुलासा तब हुआ जब अजमेर के क्लॉक टावर थाने में तैनात कांस्टेबल दीपक वैष्णव ने 9 अप्रैल 2025 को एक करोड़ रुपए की ठगी का मामला दर्ज कराया। दीपक ने बताया कि पुलिस लाइन में तैनात कांस्टेबल पवन मीना करौली का रहने वाला है। वह मेरा बैचमेट है। जान-पहचान होने के कारण वह अक्सर मुझसे मिलने थाने आता था। पवन हमेशा नेशनल हाईवे पर बड़े प्रोजेक्ट और उसमें करोड़ों रुपए लगाकर चार गुना कमाई की बात करता था। अगस्त 2023 में पवन ने थाने में एक करोड़ कमाने का झूठा भरोसा दिया। उसने अपने बड़े भाई कुलदीप के बारे में बताया, 'करौली में कई बड़े हाईवे प्रोजेक्ट आने वाले हैं। मेरा बड़ा भाई पहले से ही वहां है। हाईवे के मास्टर प्लान में बाईपास निकलेगा। जमीन में निवेश करोगे तो कुछ ही महीनों में करोड़पति बन जाओगे।' पवन ने करीब 2 करोड़ रुपए का फंड जुटाया और मुझे निवेश करने का लालच दिया।
इसके ठीक दो दिन बाद पवन मीना राजकुमार विश्नोई और पुखराज चौधरी नाम के दो व्यक्तियों के साथ थाने आया। उसने बताया कि 1 करोड़ का इंतजाम हो गया है। अगर तुम बाकी एक करोड़ रुपए का इंतजाम कर दोगे तो हमें करोड़पति बनने से कोई नहीं रोक सकता। पवन ने वीडियो कॉल पर अपने भाई कुलदीप से मेरी बात कराई। मोटी कमाई के लालच में आकर मैंने 24 अगस्त 2023 से 8 अप्रैल 2024 तक कई किस्तों में पवन मीना को एक करोड़ रुपए दे दिए। कुछ महीने तक संपर्क में रहा और जल्द ही दोगुना-तिगुना भुगतान करने की बात करता रहा। बाद में उसने धीरे-धीरे फोन उठाना बंद कर दिया। पुलिस लाइन में ड्यूटी पर आना भी बंद कर दिया। पीड़ित दीपक ने बताया कि कई पुलिसकर्मियों से मिले पैसों को मिलाकर एक करोड़ रुपए की रकम पवन मीना को दी गई।
22 लाख रुपए मेरे थे और बाकी पैसे थाने के अन्य पुलिसकर्मियों के थे। पवन ने अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल कर कई पुलिसकर्मियों के फोन से प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन अप्रूव करवा लिया और तुरंत पैसे ट्रांसफर करवा लिए। कांस्टेबल दीपक ने अपना दर्द बताते हुए कहा कि उसने आरोपी कांस्टेबल पवन मीना के खिलाफ घंटाघर एसएचओ और अजमेर एसपी से शिकायत की थी, लेकिन उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। अंत में उसे कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज हुआ है। पुलिसकर्मी वीपी सिंह ने 5 महीने पहले अजमेर के सिविल लाइंस थाने में आरोपी कांस्टेबल पवन मीना के खिलाफ 20 करोड़ रुपए की ठगी की एफआईआर दर्ज कराई थी। किशनगढ़ के मदनगंज थाने में तैनात पुलिसकर्मी वीपी सिंह ने बताया कि पवन मीना मेरा बैचमेट भी था।
वह हाई प्रोफाइल लाइफ स्टाइल दिखाता था। पूछने पर अनोखी दवाइयों के कारोबार के बारे में बताता था। पवन मेरे गांव आया। उसने मुझे करोड़पति बनने का सपना दिखाया। लालच में आकर मैंने पहली बार निवेश के लिए 9 लाख रुपए दिए। उसने मुझे 13 लाख रुपए लौटा दिए। मैंने दोबारा लोन लिया और 17 लाख रुपए दिए। फिर उसने रिटर्न नहीं दिया। कई पुलिसकर्मियों ने मिलकर कांस्टेबल पवन के खिलाफ तत्कालीन अजमेर एसपी के पास शिकायत दर्ज कराई। एसपी के निर्देश पर कांस्टेबल पवन मीना के खिलाफ 29 अक्टूबर 2024 को सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। आरोपी कांस्टेबल पवन मीना फरार है। एडिशनल एसपी सिटी हिमांशु जांगिड़ के निर्देश पर उसे पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की गई है।
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