राजस्थान के डीडवाना-कुचामन जिले में केंद्र सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। यह योजना गरीब और जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त या कम कीमत पर राशन देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, ताकि वे अपने परिवार का पेट पाल सकें। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इस योजना का फायदा बड़े बिजनेसमैन और लग्जरी जीवन जीने वाले लोग उठा रहे थे।
13,603 अपात्र परिवारों ने किया राशन का गबन
जिले में जिला रसद विभाग की जांच में सामने आया है कि 13,603 परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपात्र होने के बावजूद सरकारी राशन, जैसे गेहूं और अन्य खाद्य सामग्री का गबन किया। इन परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन दिया जा रहा था, जबकि इनकी आय और संपत्ति ऐसी थी कि वे इस योजना के लाभ लेने के पात्र नहीं थे।
जिला रसद विभाग ने पाया कि ये अपात्र परिवार बड़े बिजनेसमैन, व्यापारी और अन्य समृद्ध लोग थे, जिन्होंने सरकारी योजना का गलत फायदा उठाया। इन परिवारों ने राशन का उठाव किया और उसे बाजार में बेच दिया या निजी उपयोग के लिए रखा, जबकि सच्चे जरूरतमंद परिवार इससे वंचित रहे।
वसूली की तैयारी
अब, जिला प्रशासन और रसद विभाग ने इन अपात्र परिवारों से राशन की वसूली की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग ने इनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की घोषणा की है और संबंधित अधिकारियों को इन परिवारों से राशन की वापसी और दंड वसूलने के आदेश दिए हैं।
इसके अलावा, इस मामले की जांच आगे बढ़ाई जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह के गबन में और कितने लोग शामिल थे और किसने किस प्रकार से राशन का दुरुपयोग किया।
प्रशासन की कार्रवाई और भविष्य की योजना
राज्य सरकार ने इस गड़बड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। सरकार ने सभी जिलों में खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के डेटा का पुनः सत्यापन करने का निर्णय लिया है ताकि भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके।
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