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राज्यपाल हरिभाऊ बागडे का ऊंट पालकों के पक्ष में बड़ा बयान, बोले - 'सरकार को देना चाहिए आर्थिक अनुदान....'

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आयुर्वेदिक दवा से बीमारी ठीक होती है, लेकिन एलोपैथी में सिर्फ ऑपरेशन करना पड़ता है। आयुर्वेदिक दवा से कोई रिएक्शन नहीं होता, लेकिन एलोपैथी दवा से हर दिन रिएक्शन की खबरें आ रही हैं। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने मंगलवार को बीकानेर में वेटरनरी यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में यह बात कही। राज्यपाल ने ऋग्वेद का हवाला देते हुए चिकित्सा पद्धति के बारे में अपने विचार व्यक्त किए, उन्होंने कहा कि भारत के वेदों में प्राचीन काल से ही चिकित्सा का उल्लेख मिलता रहा है। शालिहोत्र में पशु चिकित्सा के बारे में जानकारी है। यह पुस्तक यूनिवर्सिटी में उपलब्ध होनी चाहिए।

उन्होंने कहा- राजस्थान में दूध का उत्पादन अधिक है
मानव चिकित्सा पद्धति पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान का दूध उत्पादन अच्छा है। जिस गांव में दूध संस्थान है, दूध का विपणन है, उस गांव में विकास होता है। दूध का विपणन होगा तो पशुपालन आसान होगा। इसका खर्च आसानी से निकल सकेगा। हर गांव में दुग्ध समितियां बनाई जानी चाहिए। पशु चिकित्सा क्षेत्र में डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों को शोध करना चाहिए। इस बात पर शोध होना चाहिए कि अधिक से अधिक दूध का उत्पादन कैसे किया जा सकता है। डिग्री लेकर नौकरी तो मिल सकती है, लेकिन सामाजिक दायित्व भी निभाने होंगे।

ऊंटों को बचाने की अपील की
राज्यपाल ने कहा कि गुजरात में दूध का कारोबार महिलाओं के हाथ में है। वहां दूध पालन का सारा काम महिलाएं ही देखती हैं। ऊंट अनुसंधान केंद्र के अधिकारियों से मुलाकात की। वे बताते हैं कि ऊंट का दूध 70 रुपए प्रति लीटर मिलता है। यह दूध भारी होता है। यह काफी महंगा भी होता है। ऊंट के दूध का दाम बेहतर होना चाहिए। राज्यपाल ने ऊंटों को बचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य में ऊंटों की संख्या कम होती जा रही है। दरअसल, ऊंटों की देखभाल में खर्च होता है, जिसकी भरपाई नहीं हो पा रही है।

छात्रों से कहा कि कॉपी पर काम न करें
ऊंट पालकों को अतिरिक्त अनुदान दिया जाना चाहिए। अगर सरकार ऊंट पालकों को सहयोग करती है, तो इसका पालन किया जाएगा। राज्यपाल ने कार्यक्रम में मौजूद पशुपालन मंत्री से इस दिशा में सहयोग मांगा। राज्यपाल ने कहा कि डिग्री लेने के लिए तीन से पांच साल तक इंतजार करते हैं, यह तय करना होता है कि डिग्री के साथ-साथ आपने क्या हासिल किया है? बौद्धिक क्षमता बढ़ी है, तो वह समाज में दिखनी चाहिए। उन्होंने छात्रों से कहा कि कॉपी पर काम न करें। जिस विश्वविद्यालय, महाविद्यालय एवं विद्यालय में नकलें नहीं हैं, वह सर्वश्रेष्ठ है।इस अवसर पर राज्य मंत्री जोराराम कुमावत ने किसानों एवं पशुपालकों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी।

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