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अलवर में सुतली बम फटने से 10 साल का बच्चा गंभीर रूप से घायल, आंखों और हाथ-पैरों में आईं गंभीर चोटें

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जिले में एक दर्दनाक हादसे में 10 साल का मासूम सुतली बम के धमाके में गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसा रविवार दोपहर अखैपुरा इलाके में हुआ, जब बच्चा अपने दोस्तों के साथ खेलते हुए सुतली बम से छेड़छाड़ कर रहा था। अचानक बम फट गया, जिससे बच्चे के हाथों में गहरी चोटें आईं और बारूद उसकी आंखों में जा पहुंचा।

गंभीर रूप से घायल बच्चे को परिजनों ने तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया, जहाँ उसका उपचार जारी है। डॉक्टरों के अनुसार बच्चे के हाथ और पैरों पर झुलसने के निशान हैं, जबकि आंखों में बारूद जाने से उसकी दृष्टि को भी खतरा पैदा हो गया है। फिलहाल डॉक्टरों की टीम उसकी आंखों की स्थिति पर विशेष निगरानी रख रही है।

घटना के बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बच्चे को ज़मीन पर गिरते ही तेज़ धमाके की आवाज़ सुनाई दी और आसपास का क्षेत्र धुएं से भर गया। आस-पड़ोस के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे और बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया।

दीपावली से पहले जागरूकता की कमी

स्थानीय लोगों का कहना है कि दीपावली से पहले इलाके में पटाखों की बिक्री और अवैध भंडारण जोरों पर है। कई जगहों पर छोटे बच्चे बिना किसी निगरानी के पटाखे जलाते देखे जा रहे हैं। इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि बच्चों को खतरनाक पटाखों से दूर रखने के लिए पर्याप्त जागरूकता और नियंत्रण क्यों नहीं है?

पुलिस ने की जांच शुरू

सूचना मिलते ही अखैपुरा पुलिस चौकी की टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि सुतली बम स्थानीय दुकानों से खरीदा गया था। अब यह जांच की जा रही है कि क्या यह पटाखा लाइसेंसशुदा दुकान से खरीदा गया था या अवैध रूप से बेचा गया था।

थाना प्रभारी ने बताया कि “हादसे में घायल बच्चे के बयान दर्ज किए जाएंगे। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि क्षेत्र में बिना अनुमति पटाखों की बिक्री तो नहीं हो रही है।” पुलिस ने कहा कि दोषी पाए जाने पर संबंधित दुकानदार या व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डॉक्टरों की अपील

जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि वे बच्चों को पटाखों से दूर रखें और किसी भी तरह के सुतली बम, रॉकेट या उच्च क्षमता वाले पटाखों का उपयोग बच्चों को न करने दें। डॉक्टरों के अनुसार, हर साल दीपावली से पहले और बाद में ऐसे हादसे सामने आते हैं, जिनमें बच्चे सबसे ज्यादा घायल होते हैं।

स्थानीय प्रशासन अलर्ट

हादसे के बाद जिला प्रशासन ने संबंधित क्षेत्रों में निरीक्षण बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने कहा कि बिना अनुमति पटाखों की बिक्री और अवैध भंडारण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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