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जोधपुर रेलवे स्टेशन का कायाकल्प शुरू! खुद पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लेने पहुचे अश्विनी वैष्णव, बोले - मिर्ची बड़ा और गुलाब जामुन भी...

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सोमवार को संक्षिप्त दौरे पर जोधपुर आए। इस दौरान उन्होंने जोधपुर सिटी रेलवे स्टेशन पर स्टेशन भवन के चल रहे पुनर्विकास कार्य का अवलोकन किया। उन्होंने मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी से पूछा कि जोधपुर स्टेशन भवन में जोधपुर की विरासत को समाहित किया गया है या नहीं? इस पर मंडल रेल प्रबंधक ने कहा-पुराने भवन के घंटाघर को नए भवन के मध्य में समाहित किया गया है। इसका स्वरूप यथावत रखा जाएगा। 

इस दौरान रेल मंत्री ने मौके पर पुनर्विकास कार्य देख रहे इंजीनियर से स्टेशन की डिजाइन, पार्किंग, यात्री सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। इंजीनियर ने कहा-स्टेशन भवन में वाहनों को प्रवेश के लिए फ्लाईओवर जैसी सुविधा दी जाएगी। वैष्णव ने यात्रियों के बैठने की व्यवस्था, प्लेटफार्म, स्टॉल आदि के बारे में भी जानकारी ली। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए रेल मंत्री ने कहा-जोधपुर का मिर्ची बड़ा और गुलाब जामुन भी स्टेशन पर आसानी से उपलब्ध होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे इतिहास रच रहा है। अकेले राजस्थान को रेल बजट में जितनी राशि दी जाती है, उतनी किसी देश का पूरा बजट भी नहीं है।

यात्रियों से लिया फीडबैक
निरीक्षण के बाद वैष्णव ने रेलवे स्टेशन पर बैठे यात्रियों से फीडबैक लिया और स्टेशन पर उपलब्ध सुविधाओं और किसी भी तरह की समस्या के बारे में भी पूछा। इस पर जैसलमेर निवासी यात्री नरपत राम ने कहा- वैसे तो सब कुछ ठीक है, लेकिन लिफ्ट बंद है। इससे बुजुर्ग यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। इस पर मंत्री ने मौके पर ही डीआरएम से पूछा और इस समस्या का तुरंत समाधान करने के निर्देश भी दिए।

स्टेशन के बाहर जमा था बारिश का पानी, निकालने में जुटे रहे कार्मिक
रेल मंत्री के औचक निरीक्षण की जानकारी मिलने के बाद रेलवे प्रशासन व्यवस्थाओं में जुट गया। इसी बीच एक समस्या यह सामने आई कि रात को बारिश के कारण स्टेशन के मुख्य गेट के बाहर पानी जमा हो गया था। इसके कारण कोई भी सीधे अंदर नहीं जा सकता था। ऐसे में प्रशासन ने मोटर सहित ट्रैक्टर बुलाकर पानी निकालने की कवायद शुरू की, लेकिन मंत्री का दौरा समाप्त होने तक यह काम पूरा नहीं हो सका। हालांकि प्रशासन ने मंत्री को वैकल्पिक रास्ते से अंदर ले गया और वे उसी रास्ते से वापस चले गए।

पहले मॉडल स्टेशनों की रंगाई-पुताई की गई और अब अमृत भारत
देश भर के रेलवे स्टेशनों के स्वरूप में आए बदलाव और रेलवे में बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर रेल मंत्री ने कहा कि पहले के समय में सुधार के नाम पर स्टेशनों की रंगाई-पुताई की जाती थी और उन्हें मॉडल स्टेशन का नाम दिया जाता था। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अब देश भर के स्टेशनों का स्वरूप बदला जा रहा है।अमृत भारत स्टेशनों के नाम से उनका जीर्णोद्धार किया जा रहा है, जिस पर कई हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह भी कहना है कि रेलवे का बुनियादी ढांचा विकास और स्टेशनों का विकास ऐसा होना चाहिए कि उनका इस्तेमाल अगले 50 सालों तक किया जा सके।

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