नहर बंदी शुरू हुए 9 दिन बीत चुके हैं। पहले पांच दिन बिजली कटौती नहीं हुई, लेकिन अब बिजली कटौती शुरू हुए 5 दिन बीत चुके हैं। अब पीएचईडी पानी के दबाव में है। शहर में 9 नई टंकियां बनकर तैयार हैं। अगर बिजली कटौती से पहले इन्हें जलापूर्ति लाइन से जोड़ दिया जाता तो इतनी परेशानी नहीं होती। लेकिन इन्हें नहीं जोड़ा जा सका। अब टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है। शहर में सबसे ज्यादा पानी का दबाव नाथूसर टंकी पर है। वहां भी टंकी को सप्लाई लाइन से जोड़ा जाना था। ऐसा नहीं होने से नाराज लोग गुरुवार को दर्जनों की संख्या में टंकी पर पहुंच गए। सप्लाई बंद कर दी गई। फिलहाल समझाइश के बाद लोग मान गए हैं, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति बिगड़ती जा रही है। नहर बंदी से पहले पीएचईडी ने दावा किया था कि शहर में 9 नई टंकियां बनकर तैयार हैं।
पहले एक सप्ताह में 3 और दूसरे सप्ताह में 3 नई टंकियों को जलापूर्ति लाइन से जोड़ा जाएगा, जिससे पुरानी टंकियों पर लोड कम हो जाएगा। नहर बंदी को 10 दिन बीतने वाले हैं, लेकिन इन्हें अभी तक नहीं जोड़ा जा सका है। पीएचईडी को धरणीधर, स्टेडियम और नयाशहर में बनी नई टंकियों को 21 से 27 अप्रैल के बीच शुरू करना था। इससे नत्थूसर टंकी पर लोड भी कम होता। कनेक्शन नहीं होने से इस टंकी के टेल वाले इलाकों में पानी नहीं पहुंच रहा है। एक दिन छोड़कर पानी आने के बाद भी नल सूखे पड़े हैं। इससे लोगों में गुस्सा है। वे नत्थूसर टंकी पर पहुंच गए। उन्होंने वहां सप्लाई बंद करा दी। इस बीच शोभासर से भी पानी की सप्लाई बंद करा दी गई। बाद में जेई बबीता ने लोगों को समझाया और एक बजे फिर से पानी देने का वादा किया, तब जाकर लोग शांत हुए।
बूस्टर से पानी खींचते हैं टेल के लोग, शुरुआत के लोग तरसते हैं
शहर में करीब 28 टेल क्षेत्र हैं। टेल का मतलब है वे क्षेत्र जो टंकी के आखिरी छोर पर हैं। आखिरी छोर तक पहुंचते-पहुंचते पानी का बहाव कम हो जाता है। क्योंकि शुरुआत के लोग बूस्टर और मोटर से पानी खींचते हैं। पीएचईडी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता। न तो मोटर जब्त करता है और न ही बूस्टर। इसलिए टेल के लोग परेशान हैं। यदि समय रहते मिलान हो जाता तो 6 नई टंकियों से नत्थूसर क्षेत्र की समस्या पूरी तरह हल हो जाती। इसके अलावा सैटेलाइट टंकी में भी दिक्कत थी। पवनपुरी क्षेत्र को भी राहत देनी है।
टंकियों को 21 से 27 तक जलापूर्ति लाइनों से जोड़ा जाना था
पहले सप्ताह में धरनीसर टंकी से रबर फैक्ट्री के आसपास के क्षेत्र, नयाशहर से नत्थूसरबास के टेल क्षेत्र और करणीसिंह स्टेडियम में पुरानी टंकी पूरी तरह बंद होने के बाद नई टंकी से सप्लाई होनी थी। इसलिए इस टंकी से टेल को सिर्फ यही राहत मिलेगी कि अब यहां फ्लो से पानी मिलना था। लेकिन पीएचईडी यह काम नहीं कर सका।
नयाशहर की टंकी पर सबसे ज्यादा दबाव
नयाशहर और धरनीधर क्षेत्र की टंकियों का क्षेत्र भी कम किया जाना है, क्योंकि नयाशहर टंकी पर सबसे ज्यादा दबाव है। महानंद, सैटेलाइट और पटेलनगर क्षेत्र की टंकी क्षेत्र को 27 अप्रैल से 5 मई तक जोड़ा जाना था। पटेलनगर से व्यास कॉलोनी, सुदर्शन नगर के क्षेत्र में समस्या का समाधान होगा। महानंद से नत्थूसर टंकी का क्षेत्र कम होगा। श्रीरामसर और वार्ड 25 का क्षेत्र कम होगा।
You may also like
Chhattisgarh New Rail Line Route : छत्तीसगढ़ में रेलवे को मिली बड़ी मजबूती, 615 किलोमीटर लंबे रेल लाइन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरू
योगी सरकार की बड़ी पहल, ट्रांसजेंडर समुदाय को मिलेगा राशनकार्ड
भारत से बुद्ध के पवित्र अवशेष वियतनाम पहुंचे, लोग कर सकेंगे दर्शन
PNB Vacancy 05 : पंजाब नेशनल बैंक में 33000 क्लर्क, चपरासी पदों पर भर्ती, करें आवेदन 〥
जीवन की हर परेशानी को दूर करने के लिए अपनाये ये सबसे सरल उपाय,होगा लाभ