एयर स्ट्राइक से बचने के लिए भरतपुर में रात 8 बजे ब्लैकआउट कर दिया गया। शहर में हॉर्न बजते ही सभी दुकानों, अस्पतालों, शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थलों की लाइटें बंद कर दी गईं। 15 मिनट बाद फिर से हॉर्न बजा। जिसके बाद सभी लोगों ने अपने प्रतिष्ठानों की लाइटें जला लीं। इससे पहले शाम 4 बजे नगर निगम में मॉक ड्रिल की गई।
शहर में ठीक 8 बजे 6 जगहों पर हॉर्न बजा और सभी दुकानों, अस्पतालों, मैरिज होम, धार्मिक स्थलों की लाइटें बंद कर दी गईं। शहर पूरी तरह से अंधेरा रहा। लोग बिना लाइटें जलाए वाहन चलाते नजर आए। 15 मिनट बाद फिर से हॉर्न बजाया गया। जिसके बाद सभी लोगों ने अपने प्रतिष्ठानों की लाइटें जला लीं।इससे पहले शाम 4 बजे नगर निगम में मॉक ड्रिल की गई। कंट्रोल रूम को संदेश मिलते ही शहर के 6 रेड वार्निंग सिस्टम बजने लगे। सूचना मिलते ही सभी विभागों के कर्मचारी और अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए।
संदेश मिलते ही पुलिस, एसडीआरएफ, होमगार्ड की टीम तुरंत नगर निगम पहुंची। टायरों में आग लगाकर आग बुझाने का अभ्यास किया गया। जर्जर दो मंजिला इमारत से लोगों को बचाने का अभ्यास किया गया। घायल लोगों को एंबुलेंस के जरिए आरबीएम अस्पताल पहुंचाया गया।फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने आग बुझाई। मॉक ड्रिल के दौरान कुछ धमाके भी हुए। घायल मरीजों को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर आरबीएम अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल पहुंचने पर मरीजों को रेड, येलो और ग्रीन कैटेगरी में बांटा गया।
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