राजस्थान के टोंक के लांबाहरिसिंह थाना क्षेत्र में महिला की नृशंस हत्या, उसके जेवरात लूटने और सबूत नष्ट करने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। महिला की जघन्य हत्या का पर्दाफाश कर पिता और दो सौतेले बेटों को गिरफ्तार करने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। एएसपी मोटाराम बेनीवाल ने बताया कि हत्या के आरोपी सुखलाल पुत्र प्रताप बावरी, बद्रीलाल और राकेश को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि 18 अप्रैल को सूचना मिली थी कि जाटान गांव स्थित एक पुरानी बंद पड़ी पानी से भरी खदान में एक महिला के कपड़े तैरते हुए दिखाई दिए। सूचना मिलने पर थानाधिकारी राजकुमार जाप्ता सहित मौके पर पहुंचे। जहां महिला के कपड़े तैरते हुए दिखाई दिए।
पत्थर से बंधा था शव
इसी दौरान ग्रामीणों की मदद से खदान से कपड़े की पोटली बाहर निकाली गई तो उसमें महिला का शव मिला। शव से करीब 20 किलो का पत्थर बंधा हुआ था। घटनास्थल पर शव की शिनाख्त नहीं होने पर शिनाख्त सुनिश्चित करने के लिए महिला के शव को मोर्चरी में रखवाया गया।
सीसीटीवी खंगाला
एएसपी ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए मृतका के शव व घटनास्थल की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कराई गई। महिला की शिनाख्त के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया। घटनास्थल की ओर जाने वाले रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। एफएसएल टीम व एमयूआई टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाए।
मोबाइल से मिला सुराग
एएसपी बेनीवाल ने बताया कि मृतका के कपड़ों में मिले मोबाइल के आईएमईआई नंबर से सीडीआर प्राप्त कर उसका विश्लेषण किया गया। मृतका व उसके परिजनों का पता लगाने के लिए करीब 200-250 लोगों से पूछताछ की गई। इसके बाद सीडीआर में आए सभी नंबरों के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई गई। ऐसे में गजानंद निवासी स्याह हाल संधोलिया थाना अराई से संपर्क किया गया। उसने मृतका की पहचान धन्ना के रूप में की। पांच माह पहले हुई थी शादी
एएसपी मोटाराम बेनीवाल ने बताया कि आरोपी सुखलाल मृतका धन्नी देवी को करीब 5 माह पहले शादी करके लाया था, लेकिन कुछ समय से मृतका और उसके पति सुखलाल के बीच अनबन चल रही थी। इसकी जानकारी उसके दोनों बेटों को भी थी। कुछ दिनों से मृतका आरोपी सुखलाल से अलग रह रही थी। इसी बात को लेकर आरोपी सुखलाल और उसके बेटे बद्रीलाल और राकेश परेशान थे। सुखलाल और उसके दोनों बेटों ने मृतका धन्नी देवी की हत्या कर उसके जेवर लूटने की योजना बनाई।
12 अप्रैल की रात को सुखलाल और उसके बेटे बद्रीलाल और राकेश ने अपनी पूर्व योजना के अनुसार मृतका को रात में शराब पीकर चारपाई पर सोते हुए पकड़ लिया। इसके बाद उन्होंने कुल्हाड़ी से उसके दोनों पैर काट दिए और जेवर निकाल लिए। सबूत मिटाने के लिए उन्होंने मृतका को उसके ही कपड़ों में बांध दिया और पास में ही स्थित बंद पड़ी खदान में ले गए। मृतका को कोई ढूंढ न सके, इसके लिए उन्होंने उसके कपड़ों में करीब 20 किलो वजनी पत्थर बांधा और पानी से भरी खदान में फेंक दिया।
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