राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने निजी स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। उन्होंने कहा कि अब कोई भी निजी स्कूल अगले 5 साल तक अपनी यूनिफॉर्म में बदलाव नहीं कर सकेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल प्रबंधन अभिभावकों और विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म या किताबें किसी खास जगह से खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। अगर कोई निजी स्कूल इस निर्देश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा
गाइडलाइन के अनुसार निजी स्कूल केवल स्वीकृत पाठ्यक्रम की किताबें ही इस्तेमाल करेंगे। किताबों की सूची, जिसमें लेखक, प्रकाशक और कीमत की जानकारी शामिल है। सत्र शुरू होने से कम से कम एक महीने पहले स्कूल के नोटिस बोर्ड पर चिपकानी होगी और स्कूल की वेबसाइट पर भी अपलोड करनी होगी।
अपनी सुविधा के अनुसार खरीद सकेंगे किताबें और ड्रेस
अभिभावक और विद्यार्थी अपनी सुविधा के अनुसार बाजार से किताबें खरीदने के लिए स्वतंत्र होंगे। ड्रेस, टाई, जूते और कॉपी आदि भी बाजार में किसी भी जगह से खरीदी जा सकेगी। शिक्षण सामग्री पर स्कूल का नाम नहीं लिखा जाएगा। स्कूल प्रबंधन यह सुनिश्चित करेगा कि पाठ्यपुस्तकें और यूनिफॉर्म कम से कम तीन अलग-अलग विक्रेताओं से उपलब्ध हों। अभिभावकों या विद्यार्थियों पर किसी विशेष दुकान या स्कूल परिसर से सामग्री खरीदने का दबाव नहीं डाला जाएगा।
अभिभावकों ने शिक्षा मंत्री से की थी शिकायत
दरअसल, पिछले कुछ दिनों में कई अभिभावकों ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से शिकायत की थी कि कुछ निजी स्कूल उन पर महंगी यूनिफॉर्म और किताबें खरीदने का दबाव बना रहे हैं, जिनकी बाजार में कीमत बहुत कम है। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के सभी निजी स्कूल संचालकों को शिक्षा विभाग की गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन करने के निर्देश दिए हैं।
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