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पीएम मोदी को दोस्त बताया और ईयू से टैरिफ़ लगाने की अपील भी, ट्रंप भारत पर नरम हैं या 'गर्म'?

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image AFP via Getty Images ट्रूथ सोशल पर अपने ताज़ा पोस्ट में ट्रंप ने पीएम मोदी को 'अच्छा दोस्त' बताया है

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को एक बार फिर से अपना दोस्त बताते हुए कहा, "उन्हें पूरा भरोसा है कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता के किसी सफल निष्कर्ष पर पहुंचने में कठिनाई नहीं होगी."

अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये भी कहा कि वह आने वाले हफ़्तों में अपने बहुत अच्छे मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं.

उनके इस बयान को भारत की तरफ़ नरमी के संकेत के तौर पर देखा गया, लेकिन इसके साथ ही एक ऐसी भी ख़बर आई जो भारत को लेकर उनके रुख़ में इस बदलाव के उलट दिखती है.

दरअसल, बीबीसी को एक सूत्र ने बताया है कि 'ट्रंप ने यूरोपीय संघ से अपील की है कि वह भारत और चीन पर 100 फ़ीसदी तक टैरिफ़ लगाए.'

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मंगलवार को ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने लिखा है कि उन्हें 'यह घोषणा करते हुए ख़ुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका, दोनों देशों के बीच व्यापार में परेशानियों को दूर करने के लिए बातचीत जारी रख रहे हैं.'

उन्होंने आगे लिखा है, "मैं आने वाले हफ़्तों में अपने बहुत अच्छे मित्र, प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करने के लिए उत्सुक हूँ. मुझे यक़ीन है कि हमारे दोनों महान देशों के लिए एक सफल निष्कर्ष पर पहुँचने में कोई कठिनाई नहीं होगी."

image BBC मोदी ने दिया जवाब image AFP via Getty Images

इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एक्स पर कहा कि दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत, 'साझेदारी की असीम संभावनाओं का रास्ता दिखाएगी.'

मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका 'घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार' हैं.

उन्होंने कहा कि दोनों देश व्यापार वार्ता को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, "मैं राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूँ. हम दोनों देशों के लोगों के लिए एक उज्ज्वल और अधिक समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे."

ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की इस पोस्ट को अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर शेयर किया है.

image BBC
  • ट्रंप के टैरिफ़ के बाद क्या भारत और अमेरिका के रिश्ते और तल्ख़ होंगे?
  • भारत पर ट्रंप की सख़्ती से रूस के फ़ायदे की बात क्यों कही जा रही है?
  • ट्रंप के टैरिफ़ को मोदी सरकार ने बताया 'तर्कहीन', चीन पर शुल्क लगाने के बारे में ट्रंप ने ये कहा
संबंधों में सुधार के संकेत image AFP via Getty Images

ट्रंप की ताज़ा टिप्पणी द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण सुधार का संकेत देती है.

टैरिफ़ और भारत के रूसी तेल की ख़रीद को लेकर तनाव के बीच दोनों देशों के बीच संबंध ख़राब दौर से गुज़र रहे हैं.

ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ़ को दोगुना कर, 50 प्रतिशत कर दिया है. इसमें भारत के रूसी कच्चे तेल की ख़रीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है.

भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को 'अनुचित और अविवेकपूर्ण' बताया था.

भारत के ख़िलाफ़ कई महीनों की आलोचनात्मक बयानबाज़ी के बाद, ट्रंप ने पिछले हफ़्ते कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच एक "विशेष संबंध" है और इसमें चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि दोनों देशों के बीच "कभी-कभी कुछ पल ऐसे आते हैं."

ट्रंप ने शुक्रवार को कहा था, "मैं हमेशा ऐसा ही करूँगा. मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूँगा, वह एक महान प्रधानमंत्री हैं. वह महान हैं. मैं हमेशा उनका दोस्त रहूँगा, लेकिन वह जो इस समय कर रहे हैं, वो मुझे पसंद नहीं है."

ट्रंप ने मुस्कुराते हुए कहा, "लेकिन भारत और अमेरिका के बीच विशेष संबंध हैं. इसमें चिंता की कोई बात नहीं है. बस कभी-कभी हमारे बीच कुछ ख़ास पल आते हैं."

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उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने शनिवार को कहा था कि वह भारत-अमेरिका संबंधों के बारे में ट्रंप के बयान की सराहना करते हैं.

मोदी ने कहा, ''मैं राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक आकलन की सराहना करता हूँ और उनका पूरा समर्थन करता हूँ. भारत और अमेरिका के बीच बहुत सकारात्मक, दूरदर्शी, व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है."

ट्रंप ने यह भी कहा था कि वह इस बात से बहुत निराश हैं कि भारत रूस से इतना अधिक तेल ख़रीद रहा है.

बीते 31 अगस्त और एक सितंबर को चीन के तियानजिन में हुए शंघाई कोऑपरेशन आर्गेनाइजेशन (एससीओ) की बैठक में पीएम मोदी भी पहुंचे थे और वहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पुतिन के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनकी मुलाक़ात हुई थी.

इसके बाद ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा था, 'हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया.'

जब ट्रंप से ये पूछा गया कि क्या अमेरिका ने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है, तब उन्होंने कहा था, "मुझे बहुत निराशा हुई है कि भारत रूस से इतना तेल ख़रीदेगा और मैंने उन्हें यह बता दिया है. हमने भारत पर बहुत बड़ा टैरिफ़ लगाया है, 50 प्रतिशत टैरिफ़, बहुत ऊँचा टैरिफ़. मोदी के साथ मेरी बहुत बनती है, वह बहुत अच्छे हैं. वह कुछ महीने पहले यहाँ आए थे,"

रूस से कच्चे तेल की ख़रीद का बचाव करते हुए भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा ख़रीद राष्ट्रीय हित और बाज़ार की ज़रूरतों से प्रेरित है.

फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिए थे. इसके बाद भारत ने छूट पर बेचे जा रहे रूसी तेल को ख़रीदना शुरू कर दिया था.

भारत पर 100% टैरिफ़ लगाने की ईयू से अपील image AFP via Getty Images अलास्का में हुई बैठक में ट्रंप और पुतिन यूक्रेन जंग पर किसी संघर्ष विराम समझौते तक पहुंचने में असफल रहे.

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ से अपील की है कि वह चीन और भारत पर 100 फ़ीसदी तक टैरिफ़ लगाए.

ट्रंप और यूरोपीय संघ की इस बातचीत से परिचित एक सूत्र ने बीबीसी को यह जानकारी दी है.

ट्रंप ने यह अपील रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए मजबूर करने के उनके प्रयासों के तहत की है.

रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के विकल्पों पर मंगलवार को अमेरिका और यूरोपीय संघ के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के दौरान ट्रंप ने यह मांग रखी.

फ़ाइनेंशियल टाइम्स ने सबसे पहले इस पर रिपोर्ट छापी थी.

यह प्रस्ताव ऐसे समय पर आया है, जब ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. दूसरी ओर रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज़ कर दिए हैं.

ट्रंप के इस प्रस्ताव से पहले अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा था कि अमेरिका आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए तैयार है, लेकिन उसे मज़बूत यूरोपीय समर्थन की ज़रूरत है.

ट्रंप ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि वह इस हफ़्ते या अगले हफ़्ते की शुरुआत में पुतिन से फ़ोन पर बात करने की योजना बना रहे हैं.

उन्होंने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट कर यह भी कहा था कि भारत और अमेरिका, व्यापारिक रुकावटों को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं और आने वाले हफ़्तों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की वह योजना बना रहे हैं.

इस पोस्ट के जवाब में, पीएम मोदी ने कहा, "भारत और अमेरिका गहरे दोस्त और स्वाभाविक साझेदार हैं. मुझे भरोसा है कि व्यापार को लेकर हमारी बातचीत भारत-अमेरिका के बीच साझेदारी की अपार संभावनाओं को आगे ले जाने के लिए रास्ता दिखाएगी."

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.

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