टेस्ट क्रिकेट को हमेशा से खेल का सबसे शुद्ध प्रारूप माना गया है। यहां बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को अपनी मेहनत और कौशल से सफलता हासिल करनी पड़ती है। भारतीय क्रिकेट में भी टेस्ट क्रिकेट को बेहद सम्मान के साथ देखा और खेला जाता है।
किसी भी खिलाड़ी के लिए अपने करियर का पहला टेस्ट शतक बनाना हमेशा एक बड़ा मील का पत्थर होता है। कई भारतीय खिलाड़ियों ने यह उपलब्धि बहुत कम उम्र में हासिल की। कुछ ने आगे चलकर शानदार करियर बनाया, जबकि कुछ का सितारा जल्दी ही फीका पड़ गया। आइए जानते हैं भारत के 5 सबसे युवा टेस्ट शतकवीरों के बारे में:
1. माधव आप्टे (20 साल, 137 दिन)1953 में वेस्टइंडीज के खिलाफ ब्रिजटाउन टेस्ट में भारत हार के बाद मैदान में उतरा था। पहली पारी में शून्य पर आउट होने के बावजूद माधव आप्टे ने दूसरी पारी में शानदार वापसी की। उन्होंने चौथे दिन से लेकर पांचवें दिन के लंच तक बल्लेबाजी की और 163 रनों की नाबाद पारी खेली।
हालांकि, यह उनकी आखिरी यादगार पारी बनकर रह गई। सिर्फ 7 टेस्ट खेलने के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। बावजूद इसके, उन्होंने मुंबई के लिए घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन जारी रखा।
2. अब्बास अली बैग (20 साल, 126 दिन)1959 में इंग्लैंड के खिलाफ ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में अब्बास अली बैग ने अपने डेब्यू मैच में ही शतक ठोका। पहली पारी में सिर्फ 26 रन बनाने के बाद उन्होंने दूसरी पारी में तेज गेंदबाजो के सामने डटकर 112 रनों की पारी खेली। चोट लगने के बावजूद उन्होंने मैदान पर लौटकर शतक पूरा किया।
इंग्लिश दर्शकों ने भी उनके इस जज्बे को खड़े होकर सराहा। दुर्भाग्य से, बैग का करियर बहुत छोटा रहा उन्होंने केवल 10 टेस्ट खेले। हालांकि, उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 12,000 से अधिक रन बनाए और हैदराबाद व समरसेट के लिए शानदार प्रदर्शन किया।
3. कपिल देव (20 साल, 266 दिन)1979 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कपिल देव ने अपने बल्ले का जलवा दिखाया। उस मैच में जब भारत ने पहले बल्लेबाजी की, तो कपिल ने सिर्फ 124 गेंदों पर 126 रनों की शानदार नाबाद पारी खेली, जिसमें 11 चौके और 1 छक्का शामिल था। आगे चलकर कपिल देव भारतीय क्रिकेट के महानतम ऑलराउंडर बने। वे एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 5000 से ज़्यादा रन और 400 से ज्यादा विकेट लेने का गौरव हासिल किया।
4. पृथ्वी शॉ (18 साल, 329 दिन)पृथ्वी शॉ ने साल 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया और शुरुआत में ही तूफानी शतक लगाया। उन्होंने मात्र 154 गेंदों में 134 रनों की पारी खेली, जिसमें 19 चौके शामिल थे। उनकी पारी में आत्मविश्वास और क्लास दोनों झलक रहे थे। लेकिन बाद में चोट और अनुशासन संबंधी विवादों के कारण उनका करियर रफ्तार नहीं पकड़ पाया। डोपिंग बैन और खराब फॉर्म ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया।
5. सचिन तेंदुलकर (17 साल, 107 दिन)1990 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट में सचिन तेंदुलकर ने इतिहास रच दिया। महज 17 साल की उम्र में उन्होंने 119 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारत को हार से बचाया। उनकी यह पारी बेहद परिपक्व और जुझारू थी, जिसने दुनिया को बता दिया कि एक महान खिलाड़ी जन्म ले चुका है। आगे चलकर सचिन ने 200 टेस्ट खेले और 15,921 रन बनाए। वह आज भी टेस्ट और वनडे दोनों फॉर्मेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं।
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