नई दिल्ली: जयपुर के मशहूर संस्कारा रिसॉर्ट्स ने ऑनलाइन होटल बुकिंग कंपनी OYO के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है. रिसॉर्ट का दावा है कि ओयो की वजह से उसे 2.66 करोड़ रुपये का जीएसटी नोटिस मिला है, जो पूरी तरह से फर्जी बुकिंग पर आधारित है. क्या है पूरा मामला?संस्कारा रिसॉर्ट्स से जुड़े मदन जैन ने जयपुर के अशोक नगर पुलिस स्टेशन में ओयो और उसके सीईओ रितेश अग्रवाल समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है. एफआईआर के अनुसार, ओयो ने रिसॉर्ट के टर्नओवर को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया ताकि अपने आंकड़े सही लगें. OYO ने दिखाए पुराने सालों के आंकड़े, एफआईआर में दावा किया गया है कि ओयो ने 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के लिए भी बुकिंग दिखाई, जबकि करार सिर्फ एक साल के लिए था. असली और फर्जी आंकड़ों में बड़ा फर्कसंस्कारा रिसॉर्ट के अनुसार, ओयो के जरिए उन्हें सिर्फ 10.95 लाख का कारोबार मिला. लेकिन OYO ने सरकार के सामने 22.22 करोड़ का कारोबार दिखाया. नतीजा ये हुआ कि रिसॉर्ट को 2.66 करोड़ का जीएसटी नोटिस मिल गया. ओयो पर क्या-क्या आरोप लगे हैं?एफआईआर में ओयो पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, जालसाजी और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. ये सारे आरोप भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत दर्ज किए गए हैं. यह पहला मौका नहीं है जब OYO पर ऐसा आरोप लगा हो. होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष हुसैन खान ने बताया कि अब तक 20 से ज्यादा होटलों को ओयो की वजह से जीएसटी नोटिस मिल चुके हैं. चार साल पहले भी 125 होटलों ने ओयो के खिलाफ मोर्चा खोला था और अपने रिसॉर्ट्स के बाहर 'OYO बुकिंग स्वीकार नहीं की जाती' के बैनर लगाए थे. हुसैन खान ने सरकार से इस मामले में दखल देने की मांग की है ताकि होटलों को न्याय मिल सके. क्या है इसका असर?इस घटना से होटल इंडस्ट्री में ओयो की साख पर और सवाल उठे हैं. अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो ये OYO के लिए बड़ा झटका हो सकता है. साथ ही अन्य छोटे होटल और रिसॉर्ट्स के लिए भी सतर्क होने का समय है. संस्कारा रिसॉर्ट्स के केस ने ओयो के खिलाफ पहले से चल रहे विवादों को और हवा दे दी है. अब सबकी नजर पुलिस की जांच और सरकारी कदमों पर टिकी है.
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