हामारे देश में त्योहारों के दौरान जैसे दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा में पहले पटाखों की बिक्री बड़ी मात्रा में होती थी। लेकिन बढ़ते प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 से पटाखों की बिक्री, निर्माण और जलाने पर सख्त पाबंदी लगा रखी है। दिल्ली, हरियाणा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और पंजाब के कई जिलों में भी यह रोक लागू है। 2025 में ये पाबंदियां और कड़ी कर दी गई हैं। पटाखे अब केवल सीमित इलाकों में ही मिलते हैं, और पुलिस इन पर कड़ी निगरानी रखती है।
किन जगहों पर है पाबंदी?
2025 में दिल्ली और हरियाणा के अलावा कई राज्यों ने पटाखों की बिक्री और जलाने पर सख्त पाबंदियां लगाई हैं। दिल्ली में पूरे साल पटाखे जलाने और बेचने पर रोक है। हरियाणा के कई जिलों में भी पटाखों पर पूरी पाबंदी है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, और बिहार जैसे राज्यों के कुछ जिलों में भी पटाखों की बिक्री, उत्पादन और जलाने पर रोक लागू है।
क्यों लगी है पाबंदी
बीतते सालों में लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर 2018 को पटाखों पर सख्ती से रोक लगाने का फैसला लिया था। सरकार ने यह कदम हवा की गुणवत्ता सुधारने और जनस्वास्थ्य को बचाने के लिए उठाया। पटाखों से हवा में जहरीला धुआं फैलता है, जो सांस की बीमारियों का कारण बनता है। तेज आवाज़ से बुजुर्ग, बच्चे और बीमार लोग प्रभावित होते हैं। इसके अलावा आग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए सरकार ने सुरक्षा और पर्यावरण की वजह से पटाखों पर कड़े नियम बनाए हैं।
कहाँ हो रही है बिक्री और खरीदारी?
कानूनी पाबंदियों के चलते दिल्ली और हरियाणा में पटाखे आसानी से नहीं मिलते। कई दुकानों ने पटाखों की बिक्री बंद कर दी है। हालांकि, कुछ सीमित इलाके जैसे ग्रामीण क्षेत्र या छोटे कस्बों में पटाखे मिल सकते हैं, लेकिन इन पर भी पुलिस की कड़ी नजर रहती है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी पटाखे खरीदना लगभग बंद हो गया है। पटाखे बेचने के लिए दुकानदारों को सरकार से लाइसेंस लेना पड़ता है। जो पटाखे बेचे जाते हैं, वे केवल सुरक्षित और पर्यावरण के लिए कम नुकसानदायक होने चाहिए।
किन जगहों पर है पाबंदी?
2025 में दिल्ली और हरियाणा के अलावा कई राज्यों ने पटाखों की बिक्री और जलाने पर सख्त पाबंदियां लगाई हैं। दिल्ली में पूरे साल पटाखे जलाने और बेचने पर रोक है। हरियाणा के कई जिलों में भी पटाखों पर पूरी पाबंदी है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, और बिहार जैसे राज्यों के कुछ जिलों में भी पटाखों की बिक्री, उत्पादन और जलाने पर रोक लागू है।
क्यों लगी है पाबंदी
बीतते सालों में लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर 2018 को पटाखों पर सख्ती से रोक लगाने का फैसला लिया था। सरकार ने यह कदम हवा की गुणवत्ता सुधारने और जनस्वास्थ्य को बचाने के लिए उठाया। पटाखों से हवा में जहरीला धुआं फैलता है, जो सांस की बीमारियों का कारण बनता है। तेज आवाज़ से बुजुर्ग, बच्चे और बीमार लोग प्रभावित होते हैं। इसके अलावा आग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए सरकार ने सुरक्षा और पर्यावरण की वजह से पटाखों पर कड़े नियम बनाए हैं।
कहाँ हो रही है बिक्री और खरीदारी?
कानूनी पाबंदियों के चलते दिल्ली और हरियाणा में पटाखे आसानी से नहीं मिलते। कई दुकानों ने पटाखों की बिक्री बंद कर दी है। हालांकि, कुछ सीमित इलाके जैसे ग्रामीण क्षेत्र या छोटे कस्बों में पटाखे मिल सकते हैं, लेकिन इन पर भी पुलिस की कड़ी नजर रहती है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी पटाखे खरीदना लगभग बंद हो गया है। पटाखे बेचने के लिए दुकानदारों को सरकार से लाइसेंस लेना पड़ता है। जो पटाखे बेचे जाते हैं, वे केवल सुरक्षित और पर्यावरण के लिए कम नुकसानदायक होने चाहिए।
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