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अगले 3 महीने में 67 कंपनियों के शेयर होंगे अनलॉक, बाजार में आएगी बड़ी गिरावट या तेजी? जानें पूरी डिटेल्स

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अगले कुछ महीनों में शेयर बाजार में जबरदस्त एक्टीविटी देखने को मिल सकती है। दरअसल, 24 सितंबर से 31 दिसंबर के बीच 67 कंपनियों के IPO लॉक-इन पीरियड खत्म होने जा रहे हैं। लॉक-इन पीरियड का मतलब होता है कि जिन निवेशकों ने IPO से पहले शेयर खरीदे थे, वो लिस्टिंग के बाद कुछ समय तक उन्हें बेच नहीं सकते। अब जब ये पाबंदी खत्म हो रही है, तो वे अपने शेयर बाजार में बेच सकेंगे।



नुवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज का कहना है कि इस दौरान करीब 20 बिलियन डॉलर (लगभग ₹2,000 करोड़) के शेयर बाजार में आ सकते हैं। हालांकि डरने की जरूरत नहीं है- ये सारे शेयर एक साथ नहीं बिकेंगे। क्योंकि इन शेयरों का बड़ा हिस्सा अब भी प्रमोटर ग्रुप्स के पास रहेगा। इससे बाजार में एकदम से बहुत सारे शेयर नहीं आएंगे और कीमतों में भारी गिरावट की संभावना भी कम रहेगी।



शेयर अनलॉक की तारीखें

सबसे पहले HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के 23 मिलियन शेयर 29 सितंबर से ट्रेडिंग के लिए खुलेंगे। इसके बाद अर्बन कंपनी के 41 मिलियन शेयर 16 अक्टूबर को उपलब्ध हो जाएंगे। फिर 15 अक्टूबर को शृंगार हाउस ऑफ मंगलसूत्र के 4 मिलियन और देव एक्सेलेरेटर के 5 मिलियन शेयर अनलॉक होंगे। इसके अलावा, 20 अक्टूबर को यूरो प्रतिक सेल्स के करीब 3% शेयर ट्रेडिंग के लिए खुलेंगे। लेकिन सबसे बड़ा अनलॉक नवंबर में होगा।



एथर एनर्जी के 162 मिलियन शेयर यानी उसके कुल शेयरों का 44% हिस्सा 6 नवंबर का अनलॉक होगा, जो इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाती है। यह इस तिमाही का सबसे बड़ा अनलॉक माना जा रहा है। उसी दिन हाइवे इंफ्रास्ट्रक्चर और ऑल टाइम प्लास्टिक्स के भी कुछ शेयर अनलॉक होंगे, लेकिन यह क्वांटिटी काफी कम होगी। फिर नवंबर के अंत में बोराना वीव्स की 10% हिस्सेदारी अनलॉक होगा। इसके अलावा इस दौरान कई अन्य कंपनियों जैसे जेएसडब्ल्यू सीमेंट, विक्रम सोलर, NSDL, कल्पतरु, सम्भव स्टील ट्यूब्स, और विक्रान इंजीनियरिंग के भी शेयर अनलॉक होंगे।



बाजार पर असली असर बेचने पर निर्भर

20 बिलियन डॉलर की संख्या बड़ी है, लेकिन बाजार पर असर इस बात पर निर्भर करेगा कि इन शेयरों में से कितना हिस्सा बेचा जाता है। प्रमोटरों के पास रखे शेयर, जो आमतौर पर लंबे समय तक रखे जाते हैं, किसी भी संभावित अस्थिरता को कम करने में मदद कर सकते हैं।



डिस्क्लेमर : जो राय और सुझाव एक्सपर्ट/ब्रोकरेज देते हैं, वे उनकी अपनी सोच हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिदीं की राय नहीं होती। यह केवल जानकारी है। इसे किसी भी स्टॉक में निवेश या बिकवाली की सलाह ना समझें।

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