सुबह उठने के बाद सबसे पहले पानी पीना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, इसे 'उषापान' कहा जाता है, जिसका अर्थ है सुबह चार बजे उठकर पानी पीना।
लार के फायदे
जब हम रात को सोते हैं, तो सुबह उठने पर हमारे मुंह में लार की मात्रा बढ़ जाती है। यदि हम पानी पीते हैं, तो यह लार अंदर चली जाती है। इसलिए, सुबह उठकर दांतों को नहीं धोना चाहिए। सुबह की लार बहुत अधिक एल्कलाइन होती है और यह पेट की कई समस्याओं को दूर करने में मदद करती है।
लार के चिकित्सीय गुण
राजीव जी ने बताया कि सुबह की लार का pH स्तर 8.4 होता है, जो इसके चिकित्सीय गुणों को दर्शाता है। डार्क सर्कल्स से परेशान लोगों को सलाह दी जाती है कि वे सुबह की लार को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
लार का उपयोग
अगर किसी की आंखें कमजोर हैं, तो सुबह की लार को आंखों में काजल की तरह लगाना चाहिए। चोट लगने पर भी लार का उपयोग फायदेमंद होता है।
जानवरों की लार और मानव स्वास्थ्य
जानवर जब चोट लगने पर उस हिस्से को चाटते हैं, तो वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। इसी तरह, मनुष्य भी अपनी लार का उपयोग कर सकते हैं।
कैंसर के मरीजों का अनुभव
राजीव जी के पास ऐसे मरीज हैं जो कैंसर के अंतिम चरण में हैं। उनकी लार ग्रंथियां खत्म हो गई हैं, जिससे उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
जीवन बीमा कंपनियों की नई नीति
कुछ जीवन बीमा कंपनियां अब बीमा लेने से पहले मुंह की लार की जांच करती हैं। यदि लार में एल्कलाइन कम है, तो बीमा नहीं दिया जाता।
लार को बनाए रखने के उपाय
लार की मात्रा को बनाए रखने के लिए, आपको एंटी-एल्कलाइन उत्पादों से बचना चाहिए। टूथपेस्ट में मौजूद सोडियम लॉरिल सल्फेट लार ग्रंथियों को नुकसान पहुंचा सकता है।
निष्कर्ष
इसलिए, सुबह उठते ही पानी पीना न भूलें ताकि लार की मात्रा अधिक से अधिक बनी रहे।
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