आजकल की तेज़-तर्रार जीवनशैली और अस्वस्थ आहार के कारण गुर्दे की पथरी और गाल ब्लैडर स्टोन की समस्या बढ़ती जा रही है। पथरी से उत्पन्न होने वाला दर्द अत्यंत कष्टदायक होता है और यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म दे सकता है।
हालांकि, आयुर्वेद में इस समस्या का एक सरल, सस्ता और प्रभावी समाधान है - गुड़हल का पाउडर।
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. नीरज कौशिक के अनुसार, गुड़हल का पाउडर पथरी को समाप्त करने में सहायक होता है। आइए जानते हैं इसे कैसे उपयोग करें और इसके साथ क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
गुड़हल के पाउडर के लाभ
पथरी को तोड़ने में सहायक:
गुड़हल के फूलों में प्राकृतिक अम्लीय गुण होते हैं, जो पथरी को छोटे टुकड़ों में तोड़ने में मदद करते हैं।
डिटॉक्सिफिकेशन:
यह शरीर को डिटॉक्स करता है और गुर्दों से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
पाचन में सुधार:
गुड़हल पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और एसिडिटी को नियंत्रित करता है।
गुणकारी तत्व:
इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन C, और प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो संक्रमण से बचाते हैं।
गुड़हल पाउडर का सही उपयोग
सामग्री:
1 चम्मच गुड़हल का पाउडर
1 गिलास गर्म पानी
सेवन विधि:
रात के खाने के एक घंटे बाद 1 चम्मच गुड़हल का पाउडर लें और इसे गर्म पानी के साथ निगलें। इसके बाद कुछ और न खाएं या पीएं।
ध्यान देने योग्य बातें
गुड़हल का पाउडर थोड़ा कड़वा हो सकता है, लेकिन इसे पानी के साथ आसानी से लिया जा सकता है। नियमित सेवन से पथरी धीरे-धीरे टूटकर मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाएगी।
परहेज:
गुड़हल के पाउडर के साथ चुकंदर, पालक, भिंडी, और टमाटर का सेवन न करें, क्योंकि इनमें ऑक्सालेट की मात्रा अधिक होती है, जो पथरी को बढ़ा सकती है।
संभावित दुष्प्रभाव और उपाय
पथरी टूटने पर दर्द:
यदि पथरी बड़ी है, तो उसके छोटे टुकड़ों में टूटने से दर्द हो सकता है। इस स्थिति में अधिक पानी पीना और डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
पानी का सेवन:
दिनभर में 8-10 गिलास पानी पीना जरूरी है ताकि पथरी के टुकड़े मूत्र मार्ग से आसानी से बाहर निकल सकें।
गुड़हल पाउडर कैसे बनाएं?
यदि आपके पास गुड़हल का पौधा है, तो आप इसे खुद बना सकते हैं। ताजे गुड़हल के फूलों को तोड़कर धो लें, फिर इन्हें छाया में सुखा लें। सूखने के बाद इन्हें पीसकर बारीक पाउडर बना लें।
गुड़हल का पाउडर एक प्राकृतिक, किफायती और प्रभावी उपाय है, जो पथरी की समस्या को समाप्त करने में मदद करता है। यदि इसे सही तरीके से और नियमितता से लिया जाए, तो यह न केवल पथरी से राहत दिलाएगा बल्कि आपकी किडनी और गाल ब्लेडर को भी स्वस्थ रखेगा।
यदि पथरी से संबंधित समस्या गंभीर हो या दर्द असहनीय हो, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। आयुर्वेदिक उपायों के साथ चिकित्सा का सही संतुलन बनाना हमेशा बेहतर होता है।
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