तिरुवनंतपुरम स्थित श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस ने हल्दी के उपयोग से कैंसर के उपचार के लिए अमेरिकी पेटेंट प्राप्त किया है। संस्थान का दावा है कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्व कैंसर के इलाज में सहायक हो सकता है। इसके अनुसार, कैंसर के ट्यूमर को हटाने के बाद हल्दी का उपयोग किया जाएगा ताकि ट्यूमर को समाप्त किया जा सके और इसके फैलाव को रोका जा सके। कृपया इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें।
करक्यूमिन का महत्व
प्रमुख शोधकर्ता डॉ. लिसी कृष्णन के अनुसार, हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन शरीर में आसानी से अवशोषित होता है और कैंसर से लड़ने में मदद करता है। यह कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए सीधे ट्यूमर वाले क्षेत्र में रिलीज किया जाएगा, जिससे सामान्य कोशिकाओं को नुकसान नहीं पहुंचेगा। कई अध्ययनों में यह साबित हो चुका है कि करक्यूमिन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करता है।
उपचार की प्रक्रिया
संस्थान की निदेशक आशा किशोरी ने बताया कि करक्यूमिन को एक इम्प्लांट 'वेफर' के माध्यम से शरीर में पहुंचाया जाएगा। इस वेफर में करक्यूमिन और एल्ब्यूमिन दोनों तत्व होंगे। सर्जरी के बाद, इसे कैंसर प्रभावित क्षेत्र में इम्प्लांट किया जाएगा। एल्ब्यूमिन कैंसर कोशिकाओं को एकत्र करेगा और करक्यूमिन इन कोशिकाओं में जाकर उन्हें समाप्त करेगा।
आगे की प्रक्रिया
यह शोध इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के सहयोग से किया गया है। पेटेंट मिलने के बाद, अब इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू होगा और यह तकनीक जल्द ही कैंसर के मरीजों के लिए उपलब्ध होगी।
राजीव दीक्षित का दृष्टिकोण
राजीव दीक्षित ने 15 साल पहले इस विषय पर चर्चा की थी। कैंसर हमारे देश में तेजी से बढ़ रहा है, और हर साल लाखों लोग इससे प्रभावित होते हैं। राजीव दीक्षित का मानना है कि कैंसर के मरीजों की मौत का मुख्य कारण उनके उपचार की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि कैंसर का इलाज करने वाली प्रक्रियाएं जैसे की कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी, अक्सर मरीजों के लिए हानिकारक होती हैं।
हल्दी और गोमूत्र का महत्व
दीक्षित ने हल्दी को कैंसर के लिए एक प्रभावी उपचार बताया है। उन्होंने बताया कि हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो कैंसर कोशिकाओं को मारने की क्षमता रखता है। इसके अलावा, देशी गाय के मूत्र को भी कैंसर के उपचार में सहायक बताया गया है।
स्वास्थ्य के लिए सुझाव
कैंसर से बचने के लिए, दीक्षित ने सलाह दी है कि हमें हमेशा शुद्ध तेल का उपयोग करना चाहिए और तंबाकू से दूर रहना चाहिए। इसके अलावा, महिलाओं को अपने शरीर में किसी भी अनचाही वृद्धि पर ध्यान देना चाहिए और जल्दी से उपचार कराना चाहिए।
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