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गधी के दूध की बढ़ती मांग: एक नया व्यापारिक अवसर

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गधी का दूध: एक अनोखी स्वास्थ्यवर्धक विकल्प

गधी का दूध: बचपन से हम सुनते आ रहे हैं कि स्वास्थ्य के लिए गाय और भैंस के दूध का सेवन आवश्यक है। कुछ विशेष बीमारियों के लिए डॉक्टर या आयुर्वेद में बकरी के दूध की सलाह दी जाती है। लेकिन आजकल गधी का दूध भी बाजार में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, जिसकी कीमत गाय और भैंस के दूध से 70 गुना अधिक है।



गधी के दूध की बढ़ती मांग ने स्वरोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। इस लेख में हम एक व्यक्ति की कहानी साझा करेंगे, जो गधी के दूध के व्यापार से हर महीने लाखों रुपये कमा रहे हैं।


नौकरी छोड़कर शुरू किया नया सफर

हम बात कर रहे हैं गुजरात के धीरेन सोलंकी की। सोलंकी ने अपने करियर की शुरुआत निजी कंपनियों में की थी, लेकिन उनकी तनख्वाह से घर का खर्च नहीं चल पाता था। इसलिए, उन्होंने सरकारी नौकरी की तलाश शुरू की। इसी दौरान, उन्हें गधी पालन के बारे में जानकारी मिली। कुछ सलाह लेने के बाद, उन्होंने अपने जिले पाटन में 22 लाख रुपये का निवेश कर 20 गधियों के साथ अपना व्यापार शुरू किया।


गधी के दूध की कीमत

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि गधी के दूध की कीमत गाय और भैंस के दूध से 60 से 70 गुना अधिक है। गाय और भैंस का दूध बाजार में लगभग 60 से 70 रुपये प्रति लीटर बिकता है, जबकि गधी का दूध 5000 से 7000 रुपये प्रति लीटर के बीच है।


यदि दूध को पाउडर रूप में बेचा जाए, तो इसकी कीमत एक लाख रुपये तक पहुंच सकती है। सोलंकी का व्यापार अब बढ़कर 38 लाख रुपये तक पहुंच चुका है, और उनके पास वर्तमान में 42 गधियाँ हैं। वे चाहते हैं कि राज्य सरकार भी इस व्यापार पर ध्यान दे।


गधी के दूध के लाभ

प्राचीन समय में आयुर्वेदाचार्यों और यूनानी चिकित्सकों ने गधी के दूध को लीवर की समस्याओं, नाक से खून बहने, विषाक्तता, संक्रामक रोगों और बुखार के लिए उपयोगी बताया था। कहा जाता है कि मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा इसका उपयोग स्नान के लिए करती थीं।


अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार, गधी के दूध की संरचना गाय के दूध के मुकाबले मानव दूध के समान है, जो शिशुओं के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें गाय के दूध से एलर्जी है।


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