सोनू सूद, जिन्हें गरीबों का मसीहा माना जाता है, अब एक नई मुसीबत में फंस गए हैं। कोरोना महामारी के दौरान उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए उन्हें सराहा गया था, लेकिन अब उनके खिलाफ एक अदालत ने गिरफ्तारी का आदेश जारी किया है।
यह मामला धोखाधड़ी से संबंधित है, जिसमें लुधियाना की एक अदालत ने यह वारंट जारी किया है।
गिरफ्तारी वारंट का कारण
सोनू सूद को धोखाधड़ी के एक मामले में गवाही देने के लिए अदालत में पेश होना था, लेकिन वह नहीं आए। इसके चलते लुधियाना की न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
क्या हैं आरोप?
लुधियाना के वकील राजेश खन्ना ने सोनू सूद के खिलाफ 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि मुख्य आरोपी मोहित शुक्ला ने उन्हें रिजिका कॉइन में निवेश करने के लिए प्रेरित किया था।
सोनू सूद को इस मामले में गवाही देने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह अदालत में उपस्थित नहीं हुए।
कोर्ट का आदेश

अदालत ने कहा है कि सोनू सूद को समन या वारंट विधिवत रूप से दिया गया था, लेकिन वह अदालत में पेश नहीं हुए। इसने अधिकारियों को उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है।
अगली सुनवाई की तारीख
कोर्ट ने कहा है कि वारंट को 10 फरवरी, 2025 तक वापस किया जाना चाहिए। अगली सुनवाई इसी दिन होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सोनू सूद इस दिन अदालत में उपस्थित होकर मामले को सुलझा पाएंगे।
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