1 मार्च, मंगलवार को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा। भगवान शिव के भक्तों में अघोरी को विशेष स्थान प्राप्त है। उन्हें तंत्र-मंत्र का ज्ञान देने वाला माना जाता है।
अघोरियों की अनोखी जीवनशैली
महाशिवरात्रि के अवसर पर हम अघोरियों की अनोखी जीवनशैली और उनके रहस्यमय व्यवहार के बारे में जानेंगे। उनकी गतिविधियाँ और विधान अद्वितीय होते हैं।
अघोरी कौन होते हैं?

अघोरी वे होते हैं जो साधारणता में विश्वास रखते हैं। वे हर चीज को समान दृष्टि से देखते हैं और सड़ते मांस का सेवन भी करते हैं।
श्मशान में साधना का महत्व
अघोरियों के लिए श्मशान में साधना करना महत्वपूर्ण है। उनका मानना है कि यहाँ की साधना जल्दी फल देती है और यहाँ कम लोग आते हैं, जिससे ध्यान में बाधा नहीं आती।
अघोरी का स्वभाव

अघोरी स्वभाव से हठी होते हैं और अपने निर्णय पर अडिग रहते हैं। वे गुस्से में आकर किसी भी हद तक जा सकते हैं, लेकिन मन से शांत रहते हैं।
अघोरियों की साधनाएं
अघोरी तीन प्रकार की साधनाएं करते हैं: शिव साधना, शव साधना, और श्मशान साधना। इनमें शव के ऊपर खड़े होकर साधना करना शामिल है।
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