अगर आप हर साल आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 2025 के केंद्रीय बजट में किए गए परिवर्तनों के तहत आयकर अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) फॉर्म की शुरुआत की है। यह फॉर्म 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगा। ITR-U का उद्देश्य करदाताओं को अपनी पुरानी रिटर्न फाइलिंग में हुई गलतियों को सुधारने का अवसर प्रदान करना है। यह नियम करदाताओं के लिए कर नियमों का पालन करना आसान बनाएगा, लेकिन इसका उपयोग कर कम करने या रिफंड प्राप्त करने के लिए नहीं किया जा सकेगा.
समय सीमा में वृद्धि
नए नियमों के अनुसार, करदाताओं को अपनी गलतियों को सुधारने के लिए 48 महीने (4 साल) का समय दिया जाएगा, जबकि पहले यह अवधि केवल 24 महीने थी। उदाहरण के लिए, यदि आप वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए टैक्स रिटर्न दाखिल कर रहे हैं, जिसका असेसमेंट वर्ष 2025-26 है, तो आप 31 मार्च, 2030 तक ITR-U फॉर्म दाखिल कर सकते हैं। इस विस्तारित समय में करदाता अपनी गलतियों को सुधारने का अवसर पाएंगे.
ITR-U फॉर्म कौन दाखिल कर सकता है?
ITR-U फॉर्म उन लोगों के लिए है जो अपना मूल टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए हैं या जिन्होंने अपनी आय के बारे में गलत जानकारी दी है। यह फॉर्म करदाताओं को अपनी गलतियों को सुधारने का मौका देता है, लेकिन इसका उपयोग पहले से बताई गई आय को कम करने या रिफंड मांगने के लिए नहीं किया जा सकता।
ITR-U फॉर्म दाखिल करने की प्रक्रिया
नए नियमों के तहत, ITR-U फॉर्म को असेसमेंट वर्ष समाप्त होने के बाद ही दाखिल किया जा सकता है। टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। यदि यह तिथि चूक जाती है, तो 31 दिसंबर तक देरी से रिटर्न दाखिल किया जा सकता है। इसके बाद, ITR-U फॉर्म ही विकल्प बचेगा। उदाहरण के लिए, FY 2024-25 के लिए मूल रिटर्न 31 जुलाई, 2025 तक दाखिल करना होगा। यदि यह चूक जाता है, तो 31 दिसंबर 2025 तक और यदि यह भी नहीं हो पाता है, तो 1 अप्रैल, 2026 से ITR-U दाखिल किया जा सकता है.
जुर्माना और समय सीमा
ITR-U दाखिल करने पर जुर्माना लगेगा, जो इस बात पर निर्भर करेगा कि रिटर्न कितनी जल्दी दाखिल किया गया। पहले वर्ष में दाखिल करने पर 25% अतिरिक्त टैक्स और ब्याज लगेगा। यदि आप दूसरे वर्ष में फाइल करते हैं, तो 50% अतिरिक्त टैक्स और ब्याज लगेगा। इसी तरह, तीसरे वर्ष में यह बढ़कर 60% और चौथे वर्ष में 70% हो जाएगा। यह पेनल्टी सिस्टम करदाताओं को जल्दी गलतियों को सुधारने के लिए प्रोत्साहित करता है.
कानूनी बदलाव और लाभ
फाइनेंस एक्ट 2025 ने सेक्शन 139(8A) में बदलाव किया है, जिसके तहत ITR-U फाइल करने की समय सीमा 24 महीने से बढ़ाकर 48 महीने कर दी गई है। यह बदलाव कर फाइलिंग को सरल और सटीक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
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