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तंदूरी रोटी के स्वास्थ्य पर प्रभाव: जानें इसके नुकसान

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भारतीय भोजन में रोटी का महत्व image

भारत में खाने का शौक हर किसी को होता है। यहां के लोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का आनंद लेते हैं। लेकिन एक चीज जो हर भारतीय के भोजन का हिस्सा होती है, वह है रोटी। जब भी कोई सब्जी बनाई जाती है, उसके साथ रोटी का होना अनिवार्य होता है। आमतौर पर लोग गेहूं की तवा रोटी का सेवन करते हैं, लेकिन रोटी की कई अन्य किस्में भी हैं, जैसे बाजरे की रोटी, मिस्सी रोटी, ज्वार रोटी, मक्का रोटी, नान और तंदूरी रोटी।


तंदूरी रोटी: एक लोकप्रिय विकल्प

तंदूरी रोटी, जो होटलों में बहुत पसंद की जाती है, अक्सर गरमागरम परोसी जाती है। बटर में लिपटी हुई यह रोटी हर सब्जी के साथ बेहद स्वादिष्ट लगती है। इसे तंदूर में पकाया जाता है, जिससे इसमें कोयले की महक आती है, जो इसके स्वाद को और बढ़ा देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस तंदूरी रोटी के पीछे की सच्चाई क्या है?


तंदूरी रोटी के स्वास्थ्य पर प्रभाव

तंदूरी रोटी, जिसे हम बड़े चाव से खाते हैं, वास्तव में सेहत के लिए उतनी फायदेमंद नहीं है। इसके सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। तंदूरी रोटी का मुख्य घटक मैदा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसमें 110 से 150 कैलोरी होती हैं, इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।


तंदूरी रोटी के नुकसान

तंदूरी रोटी का अधिक सेवन करने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं इसके कुछ प्रमुख नुकसान।


शुगर के स्तर को बढ़ाती है

तंदूरी रोटी में मैदा होने के कारण यह शरीर में शुगर लेवल को बढ़ा सकती है। मैदे का उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है। यदि आप पहले से ही शुगर के मरीज हैं, तो तंदूरी रोटी से दूर रहना बेहतर है।


दिल की समस्याओं का कारण

चूंकि तंदूरी रोटी में मैदा होता है, यह दिल के लिए भी हानिकारक हो सकती है। इसका अधिक सेवन दिल की बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसलिए दिल की समस्याओं से ग्रसित लोगों को इसे नहीं खाना चाहिए।


स्वस्थ विकल्प

यदि आप तंदूरी रोटी का सेवन करना चाहते हैं, तो गेहूं से बनी तंदूरी रोटी का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, अधिकांश होटलों में इसे बनाने के लिए मैदा का ही उपयोग किया जाता है।


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