अलसी के गुण और स्वास्थ्य लाभ
- अलसी एक तिलहन है, जिसका बीज सुनहरे रंग का और चिकना होता है। इसका तेल फर्नीचर के वार्निश में भी उपयोग होता है।
- आयुर्वेद के अनुसार, अलसी वात, पित्त और कफ को संतुलित करती है। यह मूत्रल, रक्तशोधक और सूजन कम करने में सहायक है। इसके सेवन से यकृत और आँतों की सूजन में राहत मिलती है। अलसी में ओमेगा-3 की मात्रा 36 से 40 प्रतिशत होती है।
- रिफाइंड तेल और ट्रांसफैट के बढ़ते उपयोग के कारण डायबिटीज के मामलों में वृद्धि हुई है। शोधकर्ताओं का मानना है कि ओमेगा-3 की कमी भी इस समस्या का एक बड़ा कारण है। अलसी को इस संदर्भ में 'अमृत' माना गया है।
- अलसी में 23 प्रतिशत ओमेगा-3 फैटी एसिड, 20 प्रतिशत प्रोटीन और 27 प्रतिशत फाइबर होता है। इसे सुपरफूड के रूप में स्वीकार किया गया है।
- ओमेगा-3 शरीर की कोशिकाओं के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- अलसी पेट को साफ रखने में मदद करती है और कई रोगों का उपचार करती है। यह मधुमेह के दुष्प्रभावों से भी सुरक्षा प्रदान करती है।
- अलसी हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक है और रक्त को पतला रखती है।
- अलसी मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है और सकारात्मकता को बढ़ावा देती है।
- अलसी त्वचा, बाल और नाखूनों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
- यह कैंसर, आर्थ्राइटिस और अन्य गंभीर बीमारियों के उपचार में भी सहायक है।
- अलसी का सेवन पुरुषों में पौरुष शक्ति बढ़ाने में मदद करता है।
- अलसी का सेवन करने से शरीर में ऊर्जा और स्टेमिना बढ़ता है।
- अलसी का सेवन करने से कई असाध्य रोगों का उपचार संभव है।
- अलसी का सेवन करने के लिए 30-60 ग्राम की मात्रा प्रतिदिन लेनी चाहिए। इसे आटे में मिलाकर रोटी या पराठा बनाकर खा सकते हैं।
- अलसी का तेल और बीज कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं।
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