कहते हैं महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra) के जाप से मौत पर विजय प्राप्त की जा सकती है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । खासकर सावन और महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) जैसे अवसरों पर इसे जपने से शिवजी जल्दी प्रसन्न होते हैं।
इस बार 1 को महाशिवरात्रि आ रही है। ऐसे में इस दिन आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर अपनी आयु बढ़ा सकते हैं।
ऐसे हुई थी महामृत्युंजय मंत्र की रचना
महामृत्युंजय मंत्र की उत्पत्ति की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। पौराणिक काल में मुकण्ड नाम के एक ऋषि रहते थे। वे शिवजी के बड़े भक्त थे। शिवजी की कृपा से उनके घर मार्कण्डेय नामक पुत्र का जन्म हुआ। मार्कण्डेय एक अल्पायु पुत्र था। ये बात जब ऋषि को पता चली तो उन्होंने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की और महामृत्युंजय मंत्र की रचना की।
अब जब मार्कण्डेय की मृत्यु का समय आया तो उन्होंने महामृत्युंजय मंत्र जपना शुरू किया। यमराज जब उन्हें लेने आए तो मार्कण्डेय शिवलिंग से लिपट गए। यमराज ने उनके प्राण हरने के लिए अपना पाश फेंका, लेकिन बीच में स्वयं शिवजी प्रकट हो गए। फिर उन्होंने मार्कण्डेय ऋषि को अमरता का वरदान दिया।
महामृत्युंजय मंत्र
“ऊं हौं जूं सः ऊं भूर्भुवः स्वः ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊं स्वः भुवः भूः ऊं सः जूं हौं ऊं।” इस मंत्र का अर्थ है हम जिस शिवजी को पूजते हैं उनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का पालन-पोषण करते हैं।
ये 4 शिव मंत्र भी हैं लाभकारी
1. ॐ अघोराय नम:, ॐ शर्वाय नम:, ॐ विरूपाक्षाय नम:, ॐ विश्वरूपिणे नम:, ॐ त्र्यम्बकाय नम:, ॐ कपर्दिने नम:, ॐ भैरवाय नम:, ॐ शूलपाणये नम:, ॐ ईशानाय नम:, ॐ महेश्वराय नम:। इस मंत्र में भगवान के 10 नाम हैं जिन्हें जपने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। इसे महाशिवरात्रि पर या प्रत्येक सोमवार जपा जा सकता है।
2. ॐ ऊर्ध्व भू फट् । ॐ नमः शिवाय । ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय । ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा । ॐ इं क्षं मं औं अं । ॐ प्रौं ह्रीं ठः । ॐ नमो नीलकण्ठाय । ॐ पार्वतीपतये नमः । ॐ पशुपतये नम:। इस मंत्र को महाशिवरात्रि या सोमवार के दिन रुद्राक्ष की माला लेकर 11 माला जपना चाहिए। इससे मन की हर मुराद पूर्ण होती है।
3. ओम तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्। इसे रुद्र गायत्री मंत्र कहा जाता है। इसे सोमवार या महाशिवरात्रि पर जपने से जिंदगी के सभी दुख दर्द दूर होते हैं।
4. नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय। नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥ इस मंत्र का जाप शिव पूजा के दौरान करना चाहिए। इससे मानसिक शांति मिलती है और काम में फोकस बढ़ता है। ये मंत्र आपको मुसीबतों से भी आजाद करता है।
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