आजकल घर में इन्वर्टर होना नॉर्मल हो गया है. ये ज्यादातर तब काम आता है जब गर्मी और बारिश के मौसम में जब बिजली ज्यादा कटती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन्वर्टर तो आपने लगाया, लेकिन उसकी बैटरी की सही मेंटेनेंस भी उतनी ही जरूरी है? ज्यादातर लोगों को नहीं पता की इन्वर्टर की बैटरी में पानी डाला जाता है. पानी भी नॉर्मल नहीं होता है वो Distilled Water होता है. लेकिन कई बार लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं. इसी लापरवाही की वजह से बैटरी जल्दी खराब हो जाती है और बार-बार खर्च करना पड़ता है. यहां जानें कि आखिर इन्वर्टर बैटरी में पानी क्यों डाला जाता है, कब-कब डालना चाहिए और क्या सावधानी रखनी चाहिए.
इन्वर्टर की बैटरी कैसे काम करती है?इन्वर्टर की बैटरी में लेड-एसिड सेल्स होते हैं. ये बैटरी चार्ज होने और डिस्चार्ज होने के प्रोसेस में इलेक्ट्रोलाइट एक तरह का लिक्विड एसिड प्लास डिस्टिल्ड वॉटर का यूज करती है.
जब बैटरी इस्तेमाल होती है या चार्ज होती है, तो उसमें से पानी धीरे-धीरे भाप बनकर उड़ने लगता है. अगर समय-समय पर पानी न डाला जाए, तो इलेक्ट्रोलाइट का लेवल कम हो जाता है और बैटरी की परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है.
बैटरी में पानी क्यों डालना जरूरी है?इलेक्ट्रोलाइट का लेवल बनाए रखने के लिए, बैटरी ठीक से काम करे, इसके लिए उसमें इलेक्ट्रोलाइट का एक तय लेवल होना जरूरी होता है. डिस्टिल्ड वॉटर से ये लेवल बैलेंस रहता है.
बैटरी की लाइफ बढ़ाने के लिए भी जरूरी होता है. अगर आप समय पर पानी डालते हैं तो बैटरी कई सालों तक बिना दिक्कत के चलेगी. ओवरहीटिंग और डैमेज से बचने के लिए, सूखी बैटरी ज्यादा गर्म होती है, जिससे वो जल भी सकती है या फट सकती है. चार्जिंग एफिशिएंसी बनाए रखने के लिए, सही वॉटर लेवल से बैटरी फुल चार्ज होती है और बैकअप भी अच्छा मिलता है.
क्या नल का पानी डाला जा सकता है?जैसा कि ऊपर बताया इन्वर्टर की बैटरी में सिर्फ डिस्टिल्ड वॉटर ही डालना चाहिए. नल के पानी में मिनिरल्स, नमक, आयरन आदि होते हैं जो बैटरी की इंटरनल प्लेट्स को खराब कर सकते हैं. इससे बैटरी जल्दी खराब हो जाती है और बैकअप भी कम हो जाता है.
कब-कब डालना चाहिए पानी?महीने में एक बार बैटरी चेक जरूर करें. अगर वॉटर लेवल कम हो तो बस इतना ही पानी डालें कि प्लेटें पूरी तरह डूब जाएं. ओवरफिल न करें, वरना बैटरी के बाहर एसिड निकल सकता है.
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