भारतीय बाजार में तेजी से स्मार्टफोन्स की डिमांड बढ़ रही है और ये बात हाल ही में सामने आई काउंटरपॉइंट रिसर्च के रिपोर्ट से साफ होती है. इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत के स्मार्टफोन बाजार में शिपमेंट में साल-दर-साल के हिसाब से 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और कुल मूल्य में 18 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि दर्ज की गई है. इसका मतलब ये है कि न सिर्फ ज्यादा फोन बिक रहे बल्कि लोग स्मार्टफोन्स पर ज्यादा खर्च भी कर रहे हैं.
iPhone 16 सबसे ज्यादा बिकने वाला फोन बना और ये मॉडल टॉप पर बना हुआ है, जो भारतीय खरीदारों के बीच प्रीमियम डिवाइसों के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाता है. प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम मॉडलस की मजबूत मांग के कारण ग्रोथ दर्ज की गई है, ब्रैंड्स ग्राहकों को लुभाने के लिए आकर्षित डील्स, फाइनेंसिंग ऑप्शन्स और लिमिटेड टाइम सेल्स जैसे विकल्प ऑफर करते हैं.
Chinese Companies का कैसा है हाल?शिपमेंट वॉल्यूम के मामले में चीनी कंपनी Vivo सबसे आगे है, इस कंपनी ने 2025 की दूसरी तिमाही में अपने मार्केट शेयर को पिछले साल 17 फीसदी की तुलना बढ़ाकर 20 फीसदी कर लिया है. तीसरे पायदान पर दक्षिण कोरिया की कंपनी Samsung 16 प्रतिशत के साथ जबकि Oppo (चीनी कंपनी) 13 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है.
चीनी कंपनी Xiaomi का मार्केट शेयर घटकर 8 प्रतिशत रह गया जबकि Realme के पास 10 प्रतिशत मार्केट शेयर है. दिलचस्प बात यह है कि Nothing लगातार 6 तिमाही से सबसे तेजी से बढ़ने वाला ब्रांड रहा है जिसने साल-दर-साल के हिसाब से 146 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और ये सब कंपनी के नए CMF Phone 2 Pro और ऑफलाइन विस्तार के कारण संभव हुआ है.
OnePlus ने अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में अच्छी बढ़त हासिल की, कंपनी के वनप्लस 13 और वनप्लस 13R की वजह से कंपनी ने साल-दर-साल के हिसाब से 75 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की है. हालांकि, वॉल्यूम के मामले में वनप्लस का मार्केट शेयर थोड़ी कम होकर 2 प्रतिशत रह गया, फिर भी इसने वॉल्यूम के मामले में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में कामयाबी हासिल की. रियलमी भी हाई-एंड कैटेगरी पर नजर गड़ाए हुए है और फ्लैगशिप स्पेसिफिकेशन्स की तलाश में युवा खरीदारों को ध्यान में रखते हुए GT सीरीज में 7 प्रो ड्रीम एडिशन को उतारा है.
स्मार्टफोन इंडस्ट्री को कैसे हुआ फायदा?रिपोर्ट से पता चला है कि भारत की स्मार्टफोन इंडस्ट्री को बेहतर आर्थिक परिस्थितियों जैसे लो इन्फ्लेशन और बढ़ी हुई खर्च करने योग्य आय का लाभ मिला है. अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45 हजार और उससे अधिक) में साल-दर-साल 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई और एपल और सैमसंग इसमें सबसे आगे रहे हैं.
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