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बड़े भाई की तरह पंजाब और हरियाणा नहीं कर रहे सहयोग' CM सुक्खू ने जताई नाराजगी? जानिए पूरा माजरा

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शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को कई मामलों पर अपने हक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा हमारे बड़े भाई की तरह हैं और उन्हें अपने छोटे भाई को उदार सहयोग प्रदान करना चाहिए। हिमाचल प्रदेश में स्थित शानन जलविद्युत परियोजना की लीज अवधि समाप्त होने के बावजूद इसे पंजाब से हिमाचल को वापस नहीं सौंपा गया है तथा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद भी पंजाब और हरियाणा के अवरोध के कारण बीबीएमबी से बकाया राशि का भुगतान भी लंबित है।

राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन में बोले सीएम
मुख्यमंत्री रविवार देर शाम शिमला में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन के समापन सत्र में अपने संबोधन के दौरान यह बात कही। इस अवसर पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के साइबर सुरक्षा संचालन केंद्र का उद्घाटन किया तथा बैंक के सहकारी गान और एक स्मारिका का विमोचन भी किया। इस सत्र के सफल आयोजन पर बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हिमाचल प्रदेश में सहकारी समितियों ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हिमाचल में 1904 में शुरू हुआ सहकारी आंदोलन
प्रदेश में सहकारी आंदोलन वर्ष 1904 में शुरू हुआ था और वर्ष 1971 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद इस आंदोलन ने रफ्तार पकड़ी। वर्तमान में, राज्य में 5,000 से अधिक सक्रिय सहकारी समितियां हैं, जिनमें लगभग 2,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियां शामिल हैं। ये ऋण समितियां किसानों और ग्रामीण परिवारों को आवश्यक वित्तीय सेवाएं प्रदान कर रही हैं।

अनियमितता पर कांगड़ा सहकारी बैंक का बोर्ड किया भंग
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की पिछली सरकार के दौरान हुई अनियमितताओं के कारण वर्तमान राज्य सरकार ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के बोर्ड को भंग किया। राज्य सरकार सार्वजनिक संसाधनों के अनुचित उपयोग के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में बड़े स्तर पर सुधार कर रही है।

दूध की कीमतों में की ऐतिहासिक बढ़ाेतरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ‘हिम-ईरा ब्रांड’ के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। दूध की कीमतों में 21 रुपये प्रति लीटर की ऐतिहासिक वृद्धि के बाद प्रदेश में दूध की खरीद में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। मिल्कफेड राज्य के किसानों से प्रतिदिन 2.5 लाख लीटर दूध एकत्रित कर रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। प्राकृतिक खेती को भी समर्थन मूल्य देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है और महिलाओं व युवा समूहों को प्रोत्साहन देकर वन संरक्षण गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है।

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