New Delhi, 1 अक्टूबर . देश में पायलट प्रशिक्षण की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से सिविल एविएशन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने के फ्लाइंग ट्रेनिंग संगठनों के लिए आधिकारिक तौर पर अपना रैंकिंग फ्रेमवर्क लागू कर दिया है. डीजीसीए ने जारी की पहली सूची में टॉप कैटेगरी में कोई संगठन नहीं है.
सिविल एविएशन महानिदेशालय द्वारा 30 सितंबर को जारी नोटिस के अनुसार, यह नई रैंकिंग आज से ही लागू हो गई है. इसका मुख्य लक्ष्य प्रशिक्षण गतिविधियों में अधिक जवाबदेही और प्रदर्शन मूल्यांकन लाना है. यह रैंकिंग साल में दो बार अपडेट की जाएगी.
डीजीसीए ने फ्लाइंग ट्रेनिंग संगठनों को प्रदर्शन के आधार पर ए प्लस, ए, बी, और सी चार श्रेणियों में बांट किया है, जिसमें 85 प्रतिशत और उससे अधिक अंक मिलने वाले संस्थान को ए प्लस श्रेणी में रखा जाएगा. हालांकि, पहली सूची में एक भी संगठन ए प्लस या ए कैटेगरी में जगह नहीं बना पाया है, जो देश के विमानन प्रशिक्षण मानकों में सुधार की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है.
डीजीसीए द्वारा जारी सूची के अनुसार, कुल 13 फ्लाइंग ट्रेनिंग संगठनों को कैटेगरी बी में रखा गया है. इनमें चैम्स एसवीकेएम की अकादमी ऑफ़ एविएशन, एनएमआईएमएस शिरपुर बिहार फ्लाइंग क्लब और नेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट जैसे संस्थान शामिल हैं.
वहीं, 22 फ्लाइंग ट्रेनिंग संगठनों को कैटेगरी सी में रखा गया है, जिनमें प्रमुख संस्थान जैसे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, रेडबर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग अकादमी, तेलंगाना स्टेट एविएशन अकादमी, बॉम्बे फ्लाइंग क्लब और एशिया पैसिफिक फ्लाइट ट्रेनिंग अकादमी लिमिटेड शामिल हैं. कैटेगरी सी में आने वाले संस्थानों को डीजीसीए की तरफ से अपने प्रदर्शन में सुधार के लिए नोटिस जारी किया जाएगा.
डीजीसीए ने रैंकिंग के अनुसार जो प्रदर्शन 20 प्रतिशत, परिचालन पहलू 40 प्रतिशत, सुरक्षा मानक 20 प्रतिशत, अनुपालन मानक 10 प्रतिशत और छात्र सहायता 10 प्रतिशत जैसे पांच मुख्य पहलुओं पर केंद्रित है. कुछ नए या अप्रमाणित फ्लाइंग ट्रेनिंग संगठनों जैसे अव्यन्ना एविएशन अकादमी को इस चरण की रैंकिंग से बाहर रखा गया है.
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एसएके/डीएससी
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