मुंबई, 16 अप्रैल . वर्ष 2025 की जनवरी-मार्च तिमाही में भारत में ऑफिस लीजिंग एक्टिविटी बढ़कर 19.46 मिलियन वर्ग फीट के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जिसमें डोमेस्टिक ऑक्यूपायर्स ने रिकॉर्ड 8.82 मिलियन वर्ग फीट जगह ली. यह जानकारी बुधवार को जारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई.
ग्लोबल रियल एस्टेट फर्म जेएलएल की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य रूप से जीसीसी द्वारा संचालित ग्लोबल ऑक्यूपायर्स लीजिंग एक्टिविटी का मुख्य आधार बना रहा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सालाना आधार पर टॉप सात शहरों के लिए ग्रॉस लीजिंग चेन्नई को छोड़कर सभी शहरों के लिए पैन इंडिया लेवल पर 28.4 प्रतिशत से अधिक थी.
बेंगलुरु 21.9 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ लीजिंग एक्टिविटी के मामले में लगातार चौथी तिमाही में सबसे आगे रहा, इसके बाद दिल्ली-एनसीआर 21.6 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहा.
बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई और पुणे में डोमेस्टिक ऑक्यूपायर्स द्वारा लीजिंग साल दर साल अधिक रही.
बेंगलुरु और पुणे में ‘फ्लेक्स’ डोमेस्टिक ऑक्यूपायर्स का प्रमुख सेगमेंट रहा, जिसकी डोमेस्टिक ऑक्यूपायर्स की लीजिंग में क्रमशः 70 प्रतिशत और 61.8 प्रतिशत हिस्सेदारी रही.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई में बीएफएसआई का सबसे बड़ा योगदान रहा, जबकि हैदराबाद में टेक का सबसे बड़ा योगदान रहा.
जेएलएल के भारत के मुख्य अर्थशास्त्री सामंतक दास ने कहा, “भारतीय कार्यालय बाजार ने 2025 की पहली तिमाही में लचीलापन और वृद्धि का प्रदर्शन किया है, जो डोमेस्टिक ऑक्यूपायर्स के अब तक के सबसे मजबूत प्रदर्शन पर आधारित है, जिसे फ्लेक्स और थर्ड-पार्टी टेक फर्मों ने संचालित किया था.”
दास ने कहा कि बीएफएसआई क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन ने भारत के ऑफिस मार्केट में मांग को बढ़ावा दिया है. नतीजतन, पहली तिमाही में नेट अब्सोर्प्शन 12.78 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गया, जो सालाना आधार पर 54 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. यह ऑफिस स्पेस की मांग में विस्तार-आधारित वृद्धि को दर्शाती है.
ग्लोबल ऑक्यूपायर्स, विशेष रूप से जीसीसी सेट-अप का प्रभुत्व, जिसमें इंटरनेशनल लीज का 64.1 प्रतिशत शामिल है, बहुराष्ट्रीय परिचालनों के लिए एक रणनीतिक स्थान के रूप में भारत की बढ़ती महत्ता को दर्शाता है.
जेएलएल के वरिष्ठ प्रबंध निदेशक राहुल अरोड़ा ने बताया, “बाजार की मजबूती का सबूत वेकेंसी रेट में गिरावट से मिलता है, जो चार साल के निचले स्तर 15.7 प्रतिशत पर आ गई है. स्थिर मांग के साथ प्रमुख बाजारों में वेकेंसी का सख्त पैमाना भारत के कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बुलिश आउटलुक का संकेत देता है.”
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एसकेटी/एबीएम
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