मुंबई, 1 जून . महाराष्ट्र में मराठी भाषा विवाद को लेकर कैबिनेट मंत्री एवं दिग्गज शिवसेना नेता प्रताप सरनाइक का हालिया बयान चर्चा का विषय रहा है. विवाद के बाद उन्होंने रविवार को कहा कि वह मराठी भाषा को अभिजात दर्जा दिलाने के लिए हमेशा प्रयास करते आए हैं.
दरअसल, महाराष्ट्र में कैबिनेट मंत्री प्रताप सरनाइक का हालिया बयान चर्चा का विषय बना हुआ है. उन्होंने हिंदी को मुंबई की बोलचाल की भाषा बताया.
सरनाइक ने कहा, “हम मराठी को अपनी मातृभाषा कहते हैं, लेकिन कभी-कभी हम हिंदी और अंग्रेजी बोलते हैं. इसलिए हिंदी अब बोलचाल की भाषा बन गई है.”
शिवसेना नेता के हिंदी को बोलचाल की भाषा बताए जाने के बाद विपक्ष हमलावर है. शिवसेना (उद्धव गुट) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने उनके बयान की कड़ी निंदा की है.
मराठी भाषा विवाद पर शिवसेना नेता प्रताप सरनाइक ने समाचार एजेंसी से कहा, “मैं पत्रकार परिवार में जन्मा हूं, हमारा परिवार एक मराठी समाचार पत्र से जुड़ा रहा है. इसलिए मैं हमेशा मराठी भाषा को अभिजात दर्जा दिलाने के लिए प्रयासरत रहा हूं. हम पिछले 20 वर्षों से इसी दिशा में काम कर रहे हैं. मंत्री बनने के बाद हमने यह भी निर्णय लिया है कि ट्रकों के पीछे लिखे जाने वाले सुविचार मराठी में ही होंगे. फिर भी मेरी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है, जिसका मैं सख्त निषेध करता हूं.”
विपक्ष के हमले पर उन्होंने कहा, “मराठीभाषी लोग नाराज नहीं होंगे. संजय राउत और विपक्षी दल वाले मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर बता रहे हैं. जो लोग मराठी भाषा को शुद्ध रूप से बोलना जानते ही नहीं, वे हमेशा हिंदी और अंग्रेजी में ही बोलते हैं. शिवसेना के प्रयासों से केंद्र सरकार ने मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा दिया है, इसके लिए मैं सरकार का तहे दिल से धन्यवाद करता हूं.”
नासिक महाकुंभ की तैयारियों को लेकर उन्होंने कहा, “नासिक में महाकुंभ अवश्य होगा. इस संबंध में देवेंद्र फडणवीस नासिक गए हुए हैं और साधु-संतों, प्रमुख जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकर चर्चा कर रहे हैं. गिरीश महाजन भी वहां मौजूद हैं. प्रयागराज में जिस प्रकार का कुंभ आयोजित हुआ, उसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार की सहायता से नासिक में भी अव्वल दर्जे का महाकुंभ होगा. महायुति सरकार इस कुंभ की तैयारी में पूर्ण रूप से संलग्न है.”
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एससीएएच/एबीएम/एकेजे
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