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अदाणी पोर्ट्स ने 15 वर्ष के नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स से जुटाए 5,000 करोड़ रुपए

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अहमदाबाद, 30 मई . अदाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी ने 15 वर्ष के नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (एनसीडी) के जरिए सफलतापूर्वक 5,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं.

इस पूरे इश्यू को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के द्वारा सब्सक्राइब किया गया है. इन डिबेंचर्स की लिस्टिंग बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर होगी.

अच्छी वित्तीय स्थिति और ‘एएए/स्टेबल’ घरेलू क्रेडिट रेटिंग वाली कंपनी एपीएसईजेड ने एनसीडी के लिए कूपन रेट 7.75 प्रतिशत तय की है.

एपीएसईजेड के पूर्णकालिक निदेशक और सीईओ अश्विनी गुप्ता ने कहा, “यह केवल फाइनेंशियल एक्ससाइज नहीं है. यह एपीएसईजेड के लिए सावधानीपूर्वक विकसित कैपिटल मैनेजमेंट प्लान का सक्रिय एग्जीक्यूशन है, जो कंजर्वेटिव लीवरेज को बनाए रखने, डेट मैच्योरिटी प्रोफाइल का विस्तार करने, लागत कम करने और फंडिंग स्रोतों में विविधता लाने पर केंद्रित है. यह योजना एपीएसईजेड को दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी बनने के अपने दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ समर्थन देने के लिए डिजाइन की गई है.”

अदाणी पोर्ट्स ने वित्त वर्ष 30 तक 1 अरब टन कार्गो हैंडल करने का लक्ष्य रखा है, जो वित्त वर्ष 25 के आंकड़े से 2 गुना है. अपने पोर्ट ऑपरेशन के अलावा कंपनी ने अपने लॉजिस्टिक्स और समुद्री व्यवसायों का विस्तार करने की महत्वाकांक्षी योजनाएं भी बनाई हैं.

यह लेनदेन एपीएसईजेड की घरेलू बाजारों तक पहुंच को दर्शाता है और यह भारतीय पूंजी बाजारों के इतिहास में अब तक के सबसे लंबी अवधि के इश्यू में से एक है.

इस आय का उपयोग एपीएसईजेड द्वारा यूएस डॉलर बॉन्ड की प्रस्तावित पुनर्खरीद के लिए किया जाएगा, जिसके लिए बोर्ड से मंजूरी मिलनी बाकी है.

अदाणी पोर्ट्स भारत में सबसे बड़ी पोर्ट डेवलपर और ऑपरेटर है, जिसके पश्चिमी तट पर सात और पूर्वी तट पर आठ रणनीतिक रूप से स्थित पोर्ट और टर्मिनल हैं. देश के पोर्ट वॉल्यूम्स का 27 प्रतिशत इन्हीं पोर्ट्स पर होता है.

एबीएस/

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