जयपुर, 11 सितम्बर (Indias News)। राजस्थान में धरोहर संरक्षण और विकास को नई दिशा देने के लिए वेदांता समूह की कंपनी एवं देश की सबसे बड़ी जिंक-लेड-चांदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने बुधवार को राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के साथ 85 करोड़ रुपये का एमओयू साइन किया। यह समझौता तीन वर्षों की अवधि के लिए किया गया है।
पूंछरी का लौठा में बड़े पैमाने पर विकास कार्य
इस एमओयू के तहत डीग स्थित पूंछरी का लौठा में हेरिटेज कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। इसमें बॉटैनिकल गार्डन, परिक्रमा मार्ग का सुधार और पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी। यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह गोवर्धन परिक्रमा का प्रमुख पड़ाव और ब्रज सांस्कृतिक परिदृश्य का अहम हिस्सा है।
समारोह में प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी
एमओयू पर राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के सीईओ रामरतन और हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, हेड सीएसआर वेदांता समूह अनुपम निधि, हिन्दुस्तान जिंक के सीओओ किशोर एस और हेड कॉर्पोरेट अफेयर्स सौरव डीन्डा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
धरोहर संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा
राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि भावी पीढ़ियों के लिए धरोहरों का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। हिन्दुस्तान जिंक के सहयोग से पूंछरी का लौठा में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कॉरिडोर विकसित करने से इतिहास संरक्षित होगा और तीर्थयात्रियों व पर्यटकों के अनुभव बेहतर होंगे। यह सहयोग उद्योग और सरकार के संयुक्त प्रयासों का सकारात्मक उदाहरण है।
हिन्दुस्तान जिंक की प्रतिबद्धता
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि विरासत हमारी पहचान और जड़ों से जुड़ाव को मजबूत करती है। हम इन धरोहरों के संरक्षण और पुनरुद्धार में योगदान देकर गौरवान्वित हैं। हमारा उद्देश्य बुनियादी ढांचे का विकास करना है जिससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय समुदायों को भी लाभ होगा।
सीएसआर से सतत विकास की दिशा
हिन्दुस्तान जिंक ने अपने समग्र सीएसआर विजन के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, जल संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी जैसी परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनसे अब तक 23 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। कंपनी भारत की शीर्ष 10 सीएसआर खर्च करने वाली कंपनियों में शामिल है और समावेशी व सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए एक मिसाल बन चुकी है।
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