लखनऊ, 27 जुलाई . प्रदेश के चतुर्दिक विकास हेतु Chief Minister योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रारंभ की गई मंडलवार जनप्रतिनिधि संवाद शृंखला के अंतर्गत Sunday को उन्होंने झांसी और चित्रकूट धाम मंडल के विधायकों के साथ विशेष बैठक की. इस अवसर पर सीएम योगी ने सभी जनप्रतिनिधियों से उनके निर्वाचन क्षेत्रों की परिस्थितियों, जनअपेक्षाओं और विकासात्मक प्राथमिकताओं के विषय में व्यक्तिगत रूप से संवाद किया.
बैठक का उद्देश्य केवल योजनाओं की समीक्षा नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधियों की जमीनी समझ और अनुभव के माध्यम से राज्य के दूरवर्ती क्षेत्रों की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ समझना और समाधान सुनिश्चित करना था.
सीएम योगी ने स्पष्ट कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास को सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है. चित्रकूट धाम मंडल, जो भगवान श्रीराम की तपोस्थली के रूप में प्रतिष्ठित है और झांसी मंडल, जो रानी लक्ष्मीबाई की वीरगाथा से जुड़ा है, ये दोनों ही मंडल उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान के केंद्र हैं. इन क्षेत्रों का पुनरुत्थान और समेकित विकास ‘नए उत्तर प्रदेश’ के निर्माण का मूलाधार है.
बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत किए गए सभी विकास कार्य प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा हुई. Chief Minister ने लोक निर्माण विभाग और धर्मार्थ कार्य विभाग को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों से समन्वय कर प्रस्तावित कार्यों की प्राथमिकता तय की जाए तथा समयबद्ध, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए.
विधायक गणों द्वारा दिए गए कुल प्रस्तावों के अनुसार, झांसी मंडल के तीन जनपदों (झांसी, जालौन और ललितपुर) से कुल 691 कार्य प्रस्तावित किए गए हैं, जिनकी अनुमानित लागत 4,901 करोड़ रुपए है. चित्रकूट मंडल के चार जनपदों (बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और महोबा) से कुल 397 कार्य प्रस्तावित हैं, जिन पर 3,875 करोड़ रुपए की लागत प्रस्तावित है. इस प्रकार दोनों मंडलों से कुल 1,088 कार्य प्रस्तावित हुए हैं, जिनकी कुल लागत 8,776 करोड़ रुपए है. इनमें से झांसी और बांदा जनपद क्रमशः 1,916 करोड़ रुपए और 1,825 करोड़ रुपए की लागत के साथ अपने-अपने मंडलों में शीर्ष पर हैं.
प्रस्तावित योजनाओं में ब्लॉक मुख्यालयों तक कनेक्टिविटी, इंटर-कनेक्टिविटी सड़कें, धार्मिक स्थलों तक पहुंच मार्ग, लॉजिस्टिक्स हब, बाईपास, आरओबी/अंडरपास, फ्लाईओवर, मेजर एवं माइनर ब्रिज, रोड सेफ्टी उपाय, सिंचाई अवसंरचना और पोंटून ब्रिज जैसे अनेक कार्य शामिल हैं. सभी कार्य न केवल भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ने का कार्य करेंगे, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देने में भी सहायक सिद्ध होंगे.
Chief Minister ने निर्देश दिए कि बुंदेलखंड में जहां कहीं भी इंटरस्टेट कनेक्टिविटी बेहतर करने की आवश्यकता है, उसे विधायकों की अनुशंसा के आधार पर पहले चरण की कार्ययोजना में ही शामिल किया जाए. नगर विकास विभाग को Chief Minister ने निर्देश दिए कि विभाग द्वारा किसी परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व स्थानीय जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन जरूर प्राप्त कर लिया जाए.
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के अनुभव और स्थानीय आवश्यकताओं की समझ शासन के लिए मार्गदर्शक होती है. हम केवल योजनाएं बनाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनका समयबद्ध और जमीनी क्रियान्वयन ही हमारी पहचान है. बुंदेलखंड को उपेक्षा के अंधकार से निकालकर हम उसे उत्तर प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की रेखा पर ला रहे हैं. शासन की मंशा हर योजना को नतीजों तक पहुंचाने की है. इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी, तकनीक का समुचित उपयोग किया जाएगा और कार्यों की गुणवत्ता पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा.
सीएम योगी ने सभी जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे अपने क्षेत्र में प्रस्तावित कार्यों की सतत निगरानी करें और स्थानीय जनभावनाओं के अनुरूप योजनाओं को आकार दिलवाने में सक्रिय भूमिका निभाएं.
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एसके/एबीएम
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