संयुक्त राष्ट्र, 14 अक्टूबर . दक्षिण सूडान में भारी बारिश और नील नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण भयंकर बाढ़ आई है. संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के अनुसार, अब तक करीब 8.9 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. यह संख्या तीन हफ्ते पहले की तुलना में दोगुनी है, जिससे साफ है कि हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप-प्रवक्ता फरहान हक ने बताया कि देश के कई हिस्सों में अब भी लगातार बारिश हो रही है. नील नदी और इसके आसपास का क्षेत्र पानी से भर चुका है. बाढ़ का सबसे ज्यादा असर जोंगलेई और यूनिटी नामक दो राज्यों में देखा जा रहा है. इन इलाकों में हजारों लोग ऊंचाई वाली जगहों पर शरण ले रहे हैं.
उप-प्रवक्ता फरहान हक ने बताया कि बाढ़ ने लोगों के जीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. हजारों घरों में पानी भर गया है, फसलें नष्ट हो गई हैं, और कई जगहों पर स्कूल, अस्पताल और सड़कें बुरी तरह टूट गई हैं. इन हालात में राहत कार्य करना बहुत मुश्किल हो गया है. बहुत सी जगहों पर गाड़ियां या ट्रक भी नहीं पहुंच पा रहे हैं.
फरहान हक ने कहा, ”इन चुनौतियों के बावजूद, संयुक्त राष्ट्र और दूसरी राहत संस्थाएं लगातार मदद पहुंचा रही हैं. लोगों को खाने-पीने की चीजें, दवाइयां, नकद सहायता, टेंट, पीने का साफ पानी, और शौचालय की सुविधा दी जा रही है. साथ ही, सैंडबैग और दूसरी बाढ़-रोकने वाली सामग्री भी दी जा रही है, ताकि पानी का बहाव रोका जा सके.”
उन्होंने आगे कहा कि हालात अभी और बिगड़ सकते हैं क्योंकि मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है, यानी बाढ़ का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रवक्ता ने अपने एक बयान में जानकारी दी थी कि 13 अक्टूबर तक, संयुक्त राष्ट्र की 2025 की सहायता योजना, जिसका उद्देश्य 54 लाख लोगों की मदद करना है, उसमें सिर्फ 30 प्रतिशत फंडिंग ही मिल पाई है. इस योजना के लिए 1.7 अरब डॉलर की जरूरत है, लेकिन अब तक बहुत कम पैसा मिला है. इससे राहत कार्यों में देरी हो रही है और जरूरतमंद लोगों तक समय पर मदद नहीं पहुंच पा रही है.
राहत एजेंसियों ने बताया है कि इस बाढ़ में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 639,225 लोग गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं. देश के 26 जिलों में बाढ़ ने तबाही मचाई है. अब तक 121 अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं.
बता दें कि दक्षिण सूडान नील नदी के बेसिन में बसा है और ज्यादातर जमीन नीची और समतल है. ऊपर से विक्टोरिया झील में भी पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे नदियों में और ज्यादा पानी आ रहा है. यही वजह है कि देश में हर साल बाढ़ की घटनाएं बढ़ रही हैं. बाढ़ के कारण खेती, जानवरों और घरों का भारी नुकसान हुआ है. लोग खाने-पीने की चीजों के लिए परेशान हैं और भुखमरी की स्थिति बनती जा रही है.
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पीके/एएस
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