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ईशा कोप्पिकर : अभिनय से लेकर ताइक्वांडो तक, 'खल्लास गर्ल' का अनोखा सफर

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Mumbai , 18 सितंबर . Bollywood की चमक-धमक से दूर होते हुए भी ईशा कोप्पिकर आज भी अपनी एक खास पहचान बनाए हुए हैं. उनकी खूबसूरती, अभिनय और डांस के साथ-साथ उनकी एक खास खूबी है, जो उन्हें Bollywood की कई अन्य अभिनेत्रियों से अलग बनाती है. यह खासियत है उनकी ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट की योग्यता.

Bollywood में जहां ज्यादातर कलाकार अभिनय और डांस तक सीमित रहते हैं, वहीं ईशा ने खुद को एक बहुआयामी कलाकार के रूप में भी साबित किया है.

ईशा कोप्पिकर का जन्म 19 सितंबर 1976 को Mumbai के एक कोंकणी परिवार में हुआ था. उनके परिवार में ज्यादातर लोग डॉक्टर थे और शुरू में ईशा भी डॉक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन उनकी रुचि मॉडलिंग और एक्टिंग की ओर बढ़ गई.

कॉलेज के दिनों में एक फोटोशूट ने उनकी किस्मत बदल दी और उन्हें कई विज्ञापनों में काम करने का मौका मिला. धीरे-धीरे उन्होंने फिल्मों की ओर कदम बढ़ाया. उनकी पहली तमिल फिल्म ‘काधल कविधाई’ थी, जिसने उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू अवॉर्ड भी दिलाया. इसके बाद उन्होंने Bollywood की तरफ रुख किया और 1997 में फिल्म ‘एक था दिल एक थी धड़कन’ से हिंदी फिल्मों में कदम रखा.

Bollywood में असली पहचान ईशा कोप्पिकर को रामगोपाल वर्मा की फिल्म ‘कंपनी’ के गाने ‘खल्लास’ से मिली. यह गाना इतना लोकप्रिय हुआ कि उन्हें ‘खल्लास गर्ल’ का टैग दिया गया. इसके बाद कई फिल्मों में उन्होंने सपोर्टिंग रोल निभाए और अपनी एक्टिंग के लिए सराहना भी पाई. हालांकि, उनका करियर हमेशा चमकदार नहीं रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी.

इसी बीच, उन्होंने अपनी फिटनेस को लेकर भी खास ध्यान दिया. उन्होंने ताइक्वांडो की ट्रेनिंग ली और ब्लैक बेल्ट हासिल किया. ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट हासिल करना आसान नहीं होता. इसके लिए लंबे समय तक कठिन अभ्यास और समर्पण की जरूरत होती है.

उन्होंने कई मौकों पर अपने ताइक्वांडो के हुनर का प्रदर्शन किया, जिससे उनके फैंस भी प्रभावित हुए. यह उनकी एक अलग पहचान बन गई, जो आमतौर पर फिल्मों से जुड़ी अभिनेत्रियों में कम देखने को मिलती है.

ईशा कोप्पिकर ने तमाम भाषाओं की फिल्मों में काम किया है. हिंदी के अलावा उन्होंने तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मराठी फिल्मों में भी अभिनय किया. उनकी बहुभाषीय प्रतिभा ने उन्हें इंडस्ट्री में खास बनाया. फिल्मों के अलावा, उन्होंने राजनीति में भी कदम रखा और भाजपा महिला मोर्चा की परिवहन विंग की कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई.

फिलहाल, ईशा ने फिल्मों से दूरी बनाई हुई है और अपने बिजनेस और परिवार पर ध्यान दे रही है. वह अपनी बेटी के साथ खुशहाल जिंदगी बिता रही हैं और social media के जरिए फैंस से जुड़ी रहती हैं.

पीके/एबीएम

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