नई दिल्ली, 15 अप्रैल . नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने इस मामले में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है.
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दायर ईडी के आरोपपत्र में सुमन दुबे और अन्य के नाम भी शामिल हैं. अदालत ने मामले में संज्ञान पर बहस के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की है. इससे पहले ईडी ने इस मामले से जुड़ी संपत्तियों पर कब्जा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी.
राज्यसभा सांसद एवं दिग्गज कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे बदले की राजनीति बताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा पहनकर सरकार प्रायोजित अपराध है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा बदले की राजनीति और धमकी के अलावा कुछ नहीं है. कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं रहेगा.”
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं दिग्गज कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला बताया. उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “मोदी सरकार की एजेंसी ईडी द्वारा कांग्रेस पार्टी और नेशनल हेराल्ड की 661 करोड़ रुपए की संपत्तियों को कब्जे में लेने की कार्रवाई लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास है. भाजपा सरकार की मंशा है कि ऐसे प्रयासों से वह धीरे-धीरे कांग्रेस को आर्थिक रूप से अक्षम बना दे. लोकसभा चुनाव से पहले आयकर विभाग के जरिए कांग्रेस के बैंक खातों को सील कर ऐसा प्रयास किया गया था. पहले आईटी और अब ईडी की यह कार्रवाई निंदनीय है.”
उन्होंने लिखा, “नेशनल हेराल्ड केस को अब पांच साल से भी अधिक का समय हो गया है. ईडी कांग्रेस के खिलाफ तो गैर-कानूनी रूप से कार्रवाई कर रही है, वहीं भाजपा को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड्स में साफ तौर पर कंपनियों से अवैध वसूली के सबूत मिले, परंतु ईडी ने किसी भाजपा नेता को एक नोटिस तक नहीं दिया. इसी प्रकार रॉबर्ट वाड्रा को बार-बार पूछताछ के लिए बुलाकर मीडिया ट्रायल किया जा रहा है. कांग्रेस एक जन आंदोलन की पार्टी है. ऐसी कार्रवाइयों से भाजपा सरकार और ईडी हमारे मनोबल को नहीं तोड़ सकती.”
उल्लेखनीय है कि नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने की थी. इस समाचार पत्र को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता था. वर्ष 2008 में वित्तीय संकट के बाद इसे बंद करना पड़ा, जहां से इस विवाद की शुरुआत हुई. साल 2010 में यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) नाम की कंपनी बनी, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की 38-38 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने साल 2012 में आरोप लगाया कि यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने एजेएल की 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियों को मात्र 50 लाख रुपए में हासिल किया और उन्होंने धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया. मामला अदालत में भी गया और बाद में ईडी ने इसकी जांच शुरू की.
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एससीएच/एकेजे
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