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अब Fastag नहीं आएगा काम? 1 मई से भारत में शुरू होने जा रहा नया टोल कलेक्शन सिस्टम, जान लें डिटेल्स

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PC: oneindia

भारत 1 मई से राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल कलेक्शन के तरीके में एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) फास्टैग सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर रहा है और इसकी जगह GPS-बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम को अपना रहा है - इस कदम का उद्देश्य सड़क यात्रा को आसान, तेज़ और अधिक पारदर्शी बनाना है।

नई प्रणाली को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है:

  • आप कितनी दूरी तक गाड़ी चलाते हैं, उसके आधार पर टोल वसूलना।
  • बूथ पर रुकने की ज़रूरत को हटाकर प्रतीक्षा समय को कम करना।
  • मैन्युअल गलतियों को रोकना और धोखाधड़ी के जोखिम को कम करना।
  • अधिक सहज और कांटेक्ट लेस ड्राइविंग अनुभव

यह GPS-आधारित प्रणाली क्या है?

नया मॉडल राजमार्गों पर आपके वाहन की गतिविधि को ट्रैक करने के लिए GPS तकनीक का उपयोग करता है। यह रियल टाइम में टोल शुल्क की गणना करने के लिए ANPR (स्वचालित नंबर प्लेट पहचान) कैमरों और वाहन-फिटेड GPS डिवाइसेजका भी उपयोग करता है।

इसका मतलब है:

  • अब आपको फ्लैट दरें नहीं चुकानी होंगी - शुल्क यात्रा किए गए किलोमीटर के आधार पर लगेगा।
  • टोल प्लाजा पर रुकने या धीमा होने की ज़रूरत नहीं होगी।
  • टोल की राशि सीधे आपके लिंक किए गए बैंक खाते से काट ली जाएगी।
  • आप अपनी यात्रा और भुगतान को डिजिटल रूप से ट्रैक कर पाएंगे।

FASTag उपयोगकर्ताओं को क्या पता होना चाहिए

अगर आप पहले से ही FASTag का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो चिंता न करें - यह बदलाव धीरे-धीरे होने की उम्मीद है।

आपको ये करना होगा:

  • 30 अप्रैल, 2025 तक FASTag का इस्तेमाल करते रहें
  • इसके बाद, अपने वाहन में सरकार द्वारा स्वीकृत GPS डिवाइस लगाएँ।
  • अपने बैंक खाते को नए सिस्टम से लिंक करें।
  • पूरी तरह से चालू होने के बाद, अपना FASTag स्टिकर हटा दें।


यह बदलाव भारत के राजमार्गों में पिछले कई सालों में हुए सबसे बड़े बदलावों में से एक है। हालाँकि नई प्रणाली के अभ्यस्त होने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन उम्मीद है कि इससे निजी कार मालिकों, ट्रक चालकों और ट्रांसपोर्टरों के लिए सड़क यात्रा ज़्यादा कुशल हो जाएगी।

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