जयपुर: कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के लगभग 19 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को छापेमारी की, जो करीब 12 घंटे तक चली। यह कार्रवाई 2850 करोड़ रुपये के चर्चित PACL घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है।
🔎 प्रमुख तथ्य:- ED ने प्रताप सिंह से गहन पूछताछ की।
- PACL घोटाले में उनकी लगभग 30 करोड़ रुपये की भागीदारी की जांच हो रही है।
- छापेमारी के दौरान उनके समर्थकों ने प्रदर्शन किया, जबकि खाचरियावास ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया।
- PACL एक रियल एस्टेट कंपनी थी, जिसने देशभर में 5.85 करोड़ निवेशकों से करीब 49,100 करोड़ रुपये जुटाए थे।
- अकेले राजस्थान में 28 लाख निवेशकों ने 2850 करोड़ रुपये का निवेश किया।
- SEBI ने PACL की योजनाओं को अवैध करार देते हुए 2014 में बंद कर दिया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर निवेशकों को भुगतान का आदेश दिया।
- शुरुआती जांच में सामने आया है कि PACL घोटाले की राशि में से 30 करोड़ रुपये प्रताप सिंह खाचरियावास से जुड़ी संपत्तियों में निवेश की गई हो सकती है।
- 2011 में जयपुर के चौमूं थाने में चिटफंड एक्ट और धोखाधड़ी के तहत पहला केस दर्ज हुआ था।
"मैं सरकार के खिलाफ बोलता हूं, इसलिए बदले की भावना से ईडी की रेड करवाई गई। मुझे पहले ही अंदेशा था।"
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