भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत के साथ धक्का-मुक्की और उनके सिर से पगड़ी गिराने का मामला हाल ही में और भी गरमाता जा रहा है, जिससे भाकियू कार्यकर्ताओं में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिल रहा है। इस घटना के विरोध में अब मुजफ्फरनगर में किसानों की एक बड़ी पंचायत बुलाई गई है, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। यह पंचायत शनिवार को जीआईसी मैदान में आयोजित की गई है, जिसमें बड़ी संख्या में किसान नेता आने की संभावना जताई जा रही है। पंचायत की तैयारी को लेकर प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया है।
राकेश टिकैत के साथ हुई धक्का-मुक्की के बाद किसानों का गुस्सा भड़क गया है। इस घटना के बाद उन्होंने शुक्रवार को अपने आवास पर एक आपात बैठक बुलाई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि इस घटना के विरोध में शहर में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। इस बैठक में भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत भी मौजूद थे, और इसके बाद निर्णय लिया गया कि शनिवार को पंचायत आयोजित की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
किसान नेता राकेश टिकैत के साथ हुई यह धक्का-मुक्की का विवाद तब शुरू हुआ जब वह पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। यह कार्यक्रम मुजफ्फरनगर के टाउन हॉल में आयोजित किया गया था, जहां राकेश टिकैत को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। कुछ लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और मंच से झंडे लहराते हुए उनका विरोध किया। इसी दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की हुई और उनकी पगड़ी गिर गई। इस घटना के बाद राकेश टिकैत ने मंच से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह लोग नागपुरिया मानसिकता के हैं और देश को बांटने का काम कर रहे हैं।
राकेश टिकैत पर हुए इस हमले के बाद बड़ी संख्या में उनके समर्थक शुक्रवार से ही उनके घर पर जुटने लगे हैं। इसके बाद भाकियू ने इसका करारा जवाब देने का ऐलान किया है और कार्यकर्ताओं ने चुनौती दी है कि वे भविष्य में इससे भी दोगुनी संख्या में जुटकर इसे करारा जवाब देंगे। वहीं, इस घटना के बाद नरेश टिकैत भी भावुक हो गए और मुजफ्फरनगर में माहौल तनावपूर्ण हो गया। माना जा रहा है कि शनिवार को होने वाली पंचायत में किसान नेता और जाट नेता पहुंचेंगे और इस पर कोई अहम फैसला लिया जा सकता है।
टिकैत के समर्थन में बोले अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने राकेश टिकैत के साथ हुई घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि बीजेपी ने केवल एक किसान नेता की नहीं, बल्कि हर एक किसान की पगड़ी उछाली है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने बयान में लिखा कि परम आदरणीय चौधरी चरण सिंह जी ने किसान के सम्मान के लिए जीवनभर जो संघर्ष किया, यह हमला उनकी ऐतिहासिक कोशिशों पर भी हमला है।
अखिलेश यादव ने आगे लिखा कि इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश के हर किसान, विशेष रूप से ग़ाज़ीपुर बार्डर से लेकर ग़ाज़ीपुर तक, आंदोलित हो गया है। उन्होंने कहा कि भले ही कोई और इस अपमान और लाठीचार्ज को भूल जाए, लेकिन सच्चा किसान कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने इसे पूरी तरह से निंदनीय करार देते हुए कहा, "किसान कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!"
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