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बंगाल की खाड़ी में उठ सकता है नया तूफान, नवरात्र-दशहरा के उल्लास पर पड़ सकती है बारिश की छाया

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भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की विदाई समय पर नहीं हो पाएगी। इसकी मुख्य वजह बंगाल की खाड़ी में बन रहा नया मौसमी सिस्टम बताया जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह सिस्टम एक बड़े चक्रवात का रूप ले सकता है, जिससे महाराष्ट्र, मध्य भारत और पूर्वी राज्यों में बारिश का लंबा सिलसिला दोबारा शुरू हो जाएगा। सामान्यत: 15 सितंबर से मॉनसून लौटने लगता है, लेकिन इस बार इसकी वापसी टल सकती है। IMD ने संकेत दिए हैं कि आगामी सप्ताह में कई राज्यों में भारी वर्षा होने की संभावना है। इसका सीधा असर दशहरा और नवरात्रि जैसे पर्वों की तैयारियों पर पड़ सकता है। पश्चिम बंगाल और आसपास के राज्यों में अगले सप्ताह जोरदार बारिश की आशंका जताई गई है। स्थानीय लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है ताकि त्योहारों के दौरान किसी तरह की परेशानी से बचा जा सके।

विस्तारित पूर्वानुमान: बारिश की लंबी श्रृंखला


गुरुवार को जारी IMD की विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार 25 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच बारिश का नया दौर देखने को मिलेगा। इस दौरान मध्य भारत, उत्तर-पश्चिमी और प्रायद्वीपीय भारत के बड़े हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पूर्वी राजस्थान और महाराष्ट्र के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।

नवरात्र के पहले ही दिन से बारिश की शुरुआत

मौसम विभाग का कहना है कि नवरात्रि और दशहरा जैसे प्रमुख पर्वों के दौरान देश के कई हिस्सों में लगातार बरसात लोगों की उमंग को कम कर सकती है। विजयादशमी 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी, लेकिन उससे पहले ही कई राज्यों में तेज बारिश का खतरा बना रहेगा।



बंगाल की खाड़ी में कई सिस्टम सक्रिय

निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट वेदर सर्विसेज के प्रमुख जी.पी. शर्मा ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में इस महीने कई नए सिस्टम बनने की संभावना है। इनमें से एक मजबूत चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) म्यांमार के अराकान तट पर सक्रिय है, जो रविवार तक निम्न दबाव क्षेत्र में बदल सकता है। इससे मॉनसून की वापसी और अधिक देर से होगी और देश के कई हिस्सों में फिर से वर्षा का दौर लौट आएगा।

संभावित तूफान और असर

विशेषज्ञों का कहना है कि नया सिस्टम पहले से मौजूद मौसम तंत्र को और ताकत देगा। अगर दोनों एक साथ मिलते हैं, तो यह एक सशक्त प्रणाली का रूप लेकर चक्रवात भी बन सकता है। इसका असर मध्य भारत और पश्चिमी हिस्सों पर भी पड़ेगा, जहां से मॉनसून की विदाई मानी जा रही थी।

किन राज्यों में होगी भारी बारिश

स्काईमेट के अनुसार इस सिस्टम से ओडिशा और उत्तर आंध्र प्रदेश के आंतरिक क्षेत्रों में जबरदस्त बारिश होगी। साथ ही पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात तक में भी वर्षा का सिलसिला चलेगा। 27 और 28 सितंबर को विशेष रूप से कुछ इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। उस दौरान मुंबई, विदर्भ और मध्य महाराष्ट्र में भी बादल जमकर बरस सकते हैं।

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