संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाषण पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी। भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान दुनिया को गुमराह करने के लिए झूठ और दिखावा कर सकता है, लेकिन हकीकत नहीं बदल सकती। भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने कहा – “महोदय, आज सुबह इस सभा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की ओर से एक और बेतुका नाटक देखा। उन्होंने आतंकवाद को फिर से महिमामंडित किया, जो उनकी विदेश नीति का मुख्य आधार रहा है। किंतु, कोई भी ड्रामा और झूठ असलियत को नहीं छिपा सकता।”
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र और पाक के दावे
अपने संबोधन में शरीफ ने 80वें सत्र की सामान्य बहस के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मई में हुए चार दिन के संघर्ष में पाकिस्तान ने भारत के सात लड़ाकू विमानों को नुकसान पहुँचाया। जबकि भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह पहले ही साफ कर चुके हैं कि इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान के पाँच फाइटर जेट और एक बड़े विमान को मार गिराया था।
पेटल गहलोत ने सभा को याद दिलाया कि पाकिस्तान ने 25 अप्रैल को सुरक्षा परिषद की बैठक में जम्मू-कश्मीर में हुए नरसंहार के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट को बचाने की कोशिश की थी। भारत ने 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत कर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ढांचों पर सटीक प्रहार किया।
आतंकियों को सम्मान देने पर भारत का सवाल
भारत की ओर से गहलोत ने कहा – “एक तस्वीर हजार शब्दों से अधिक असरदार होती है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय बलों ने बहावलपुर और मुरिदके में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। इन हमलों में मारे गए आतंकियों की तस्वीरें सबके सामने आईं। इसके बावजूद पाकिस्तानी नेतृत्व और सैन्य अधिकारी खुलेआम इन कुख्यात आतंकियों को सम्मान देते और श्रद्धांजलि अर्पित करते रहे। ऐसे में क्या उनकी नीयत पर कोई शक रह जाता है?”
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हालिया संघर्ष का भी ग़लत ब्यौरा पेश कर रहे हैं। हकीकत यह है कि 9 मई तक पाकिस्तान भारत पर और हमले की धमकियाँ दे रहा था, लेकिन 10 मई को वही पाकिस्तानी सेना भारत से युद्ध रोकने की गुहार लगाने लगी।
ओसामा बिन लादेन पर घेरा
पेटल गहलोत ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में घेरते हुए कहा – “एक ऐसा देश जो दशकों से आतंकवाद को पालता-पोसता आया हो, उसे इस तरह के हास्यास्पद दावे करने में कोई झिझक नहीं है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को दस साल से अधिक समय तक अपने यहाँ सुरक्षित पनाह दी, जब पूरी दुनिया आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ रही थी। यहाँ तक कि उनके अपने मंत्री भी स्वीकार चुके हैं कि उन्होंने लंबे समय तक आतंकी शिविर चलाए। इसलिए यह आश्चर्यजनक नहीं है कि अब वही दोहराव प्रधानमंत्री स्तर तक पहुँच चुका है।”
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