लेह-लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसा के बाद सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को शुक्रवार रात लगभग 9 बजे जोधपुर सेंट्रल जेल में रखा गया। उन्हें यहां उच्च स्तरीय सुरक्षा और सख्त निगरानी के बीच रखा गया है। जिस बैरक में वांगचुक को रखा गया है, वहां 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है। जेल में लाने के तुरंत बाद उनका मेडिकल परीक्षण भी किया गया।
चौबीसों घंटे निगरानी और त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था
राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल और अजमेर की घुघरा जेल देश की सबसे सुरक्षित जेलों में गिनी जाती हैं। इन्हीं कारणों से सोनम वांगचुक को गिरफ्तारी के बाद जोधपुर शिफ्ट किया गया। जेल में लगे कैमरे न केवल जेल मॉनिटरिंग सिस्टम से जुड़े हैं, बल्कि सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से भी कनेक्ट हैं, जिससे कैदियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा सके।
जोधपुर सेंट्रल जेल में मुख्य गेट से लेकर अंदर तक त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू है। इसमें आरएसी जवान, पुलिस बल और जेलकर्मी शामिल हैं, जो हर समय सतर्क रहते हैं।
पहले भी रखे जा चुके हैं बड़े मामलों के आरोपी
इस जेल में पहले कई हाई-प्रोफाइल मामलों के आरोपी रह चुके हैं। इनमें कश्मीरी अलगाववादी, पंजाब के खालिस्तानी आतंकवादी, अफगानी कैदी, आसाराम, सलमान खान, लॉरेंस बिश्नोई और भंवरी देवी हत्याकांड के आरोपी शामिल हैं। सोनम वांगचुक को भी इसी उच्च सुरक्षा मानकों के तहत रखा गया है। हमारे संवाददाता अरुण हर्ष ने जेल जाकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
लेह में बिगड़ते माहौल के चलते किया गया ट्रांसफर
सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तारी के बाद संभावित माहौल बिगड़ने की आशंका के चलते वांगचुक को पहले विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। वहां से उन्हें विशेष विमान द्वारा जोधपुर के लिए रवाना किया गया। जोधपुर जेल में मोबाइल और लैंडलाइन उपयोग पर भी कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं और सुरक्षा घेरे में बदलाव किया गया है। हालांकि, इस ट्रांसफर को लेकर पुलिस और जेल प्रशासन ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।