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'1971 की जंग सैनिकों ने जीती, इंदिरा गांधी ने टेबल पर गंवा दी', अनिल विज का बड़ा बयान

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हरियाणा सरकार में ऊर्जा, परिवहन और श्रम मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने सोमवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि 1971 में भारतीय सैनिकों ने जो युद्धभूमि में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी, उसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वार्ताओं की टेबल पर खो दिया। चंडीगढ़ में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए विज ने कहा कि इंदिरा गांधी ने देश का भारी नुकसान किया — पहले आपातकाल थोपकर और फिर एक ऐतिहासिक सैन्य विजय को राजनीतिक रूप से कमजोर करके। उन्होंने बताया कि उस युद्ध में भारत ने न केवल 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बनाया था बल्कि करीब 13,000 एकड़ भूमि भी जीती थी। अगर उस समय इंदिरा गांधी चाहतीं तो कोई भी शर्त मनवा सकती थीं।

विज ने कहा कि अगर उस समय इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान से पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) को भारत को सौंपने की शर्त रखी होती, तो वह हमें मिल सकता था क्योंकि पीओके भारत का हिस्सा है। लेकिन दुर्भाग्यवश, जो लड़ाई हमारे वीर सैनिकों ने मैदान में जीती थी, उसे इंदिरा गांधी ने बातचीत की मेज पर हार दिया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि राजा हरि सिंह द्वारा हस्ताक्षरित विलय पत्र में पीओके भी शामिल था और वह भारत को दिया गया था। विज ने शिमला समझौते को लेकर इंदिरा गांधी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें इसके लिए कभी माफ नहीं किया जा सकता।

“यह केवल सीजफायर है, जंग खत्म नहीं हुई”

भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ की बैठक के सवाल पर अनिल विज ने दो टूक कहा कि यह सिर्फ युद्धविराम (सीजफायर) है, वास्तविक लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने पाकिस्तान को “ना-पाकिस्तान” कहते हुए तंज कसा और दोहराया कि सिर्फ सीजफायर हुआ है, लेकिन युद्ध समाप्त नहीं माना जा सकता क्योंकि सेनाएं अभी भी सीमा पर मोर्चा संभाले हुए हैं, बैरकों में नहीं लौटी हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक सेनाएं बैरकों में नहीं लौटतीं, युद्ध को समाप्त नहीं माना जा सकता। प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेश भी विज ने दोहराया: “अगर तुम गोली मारोगे, तो हम गोला मारेंगे।”



कांग्रेस को बताया ‘युद्ध के मामलों में अनाड़ी’

पाकिस्तान के साथ युद्धविराम के बाद विपक्ष की ओर से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर अनिल विज ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी कई बातें गोपनीय होती हैं और उन्हें सार्वजनिक रूप से उजागर नहीं किया जा सकता। कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने उन्हें "नासमझ" बताया और कहा कि उन्हें युद्ध की रणनीति और उसकी गंभीरता का कोई ज्ञान नहीं है। विज ने कहा कि युद्ध के समय, यहां तक कि एक सैनिक को भी यह नहीं बताया जाता कि अगली मिसाइल कहां दागी जाएगी, क्योंकि यह सब गोपनीय और रणनीतिक योजना का हिस्सा होता है।

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