लाइव हिंदी खबर :- गुजरात के आनंद स्थित Re Nano science and research centre में 10 देशों के उच्च स्तरीय राजदूतों का प्रतिमंडल आया। इस दौरे का उद्देश्य भारत की नैनो यूरिया तकनीक को समझना और इसके कृषि क्षेत्र में योगदान का मूल्यांकन करना था। प्रतिनिधिमंडल ने भारत में विकसित नैनों यूरिया के उत्पादन और उपयोग की प्रक्रिया का अवलोकन किया। इस तकनीक के माध्यम से पारंपरिक यूरिया की तुलना में कम मात्रा में उच्च प्रभावकारी उर्वरक प्रदान किया जा सकता है। जिससे फसल की पैदावार बढ़ती है और पर्यावरण पर न्यूनतम असर पड़ता है।
राजदूतों ने शोध केंद्र के वैज्ञानिकों से चर्चा करते हुए इस तकनीकी वैश्विक स्तर पर खेती में संभावनाओं पर ध्यान दिया। उन्हें यह भी बताया गया कि नैनो यूरिया पानी की बचत और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार में मदद करती है। प्रतिनिधिमंडल ने इस पहल को भारत के कृषि क्षेत्र में अग्रणीय कदम बताया और कहा कि भविष्य में इस तकनीक का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार किया जा सकता है। इस केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक ने बताया कि नैनो यूरिया तकनीक कृषकों के लिए लागत कम करने और फसल उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह केंद्र अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से इस तकनीक और विकसित करने और वैश्विक बाजार में लाने का प्रयास कर रहा है। इस दौरे से स्पष्ट हुआ कि भारत की कृषि क्षेत्र और विज्ञान अनुसंधान दुनिया के लिए आकर्षक बनते जा रहे हैं और कई देशों के राजदूत इस क्षेत्र में भारत की भूमिका को समझने और सीखने के लिए उत्साहित है।
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