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3,000 रुपये का पास और सालभर टोल की टेंशन खत्म... नितिन गडकरी के दिमाग में ये कैसी स्कीम?

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नई दिल्‍ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को अपने इनोवेटिव आइडिया के लिए जाना जाता है। वह फिर एक ऐसी स्‍कीम लाने की तैयारी में है जिसकी खूब चर्चा है। दरअसल, सरकार जल्द ही एक नई टोल पॉल‍िसी लाने वाली है। इससे टोल टैक्स में लोगों को लगभग 50% तक की राहत मिलने की उम्मीद है। साथ ही, कार मालिकों को 3,000 रुपये का वार्षिक पास भी मिलेगा। इस पास से वे पूरे साल बिना टोल दिए किसी भी हाईवे या एक्सप्रेसवे पर यात्रा कर सकेंगे। कई मीडिया संस्‍थानों ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। नई पॉलिसी जल्द ही लागू हो सकती है। इसमें टोल बूथों को हटाने की योजना भी शामिल है।नई टोल नीति में टोल प्लाजा की जगह प्रति किलोमीटर के हिसाब से शुल्क लगेगा। कारों को 100 किलोमीटर के लिए लगभग 50 रुपये देने होंगे। सूत्रों के अनुसार, अभी सिर्फ मासिक पास ही मिलते हैं। ये पास स्थानीय लोगों को खास टोल प्लाजा पर छूट देते हैं। लेकिन, नई पॉलिसी में 3,000 रुपये का वार्षिक पास मिलने से कार पूरे साल किसी भी हाईवे या एक्सप्रेसवे पर बिना टोल दिए यात्रा कर सकेगी। सरकार ने न‍िकाला रास्‍ता इस योजना को शुरू करने में सबसे बड़ी मुश्किल उन कंपनियों के साथ मौजूदा अनुबंध थे, जो अभी तक ऐसी सुविधा की अनुमति नहीं देते हैं। सूत्रों के अनुसार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इन कंपनियों को होने वाले नुकसान की भरपाई करने पर सहमति जताई है। कंपनियां अपने टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों का डिजिटल रिकॉर्ड रखेंगी। उनके दावों और वास्तविक संग्रह के बीच का अंतर सरकार द्वारा तय किए गए फार्मूले के अनुसार चुकाया जाएगा।पहले, सरकार ने 30,000 रुपये में 15 साल की वैधता वाले आजीवन यानी लाइफटाइम पास देने पर विचार किया था। लेकिन कंपनियों की आपत्तियों, राज्यों में वाहन नियमों में अंतर और बैंकों की हिचकिचाहट के कारण इस योजना को रद्द कर दिया गया। लोगों ने भी ऐसे लंबे समय के पास में कम रुचि दिखाई। बिना रुकावट वाली ई-टोलिंग को बढ़ावा देने की मंशा नई टोल नीति बिना रुकावट वाले इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग को बढ़ावा देती है। तीन पायलट प्रोजेक्ट सफल रहे हैं, जिनमें लगभग 98% तक एक्‍यूरेसी मिली है। बैंकों ने यह चिंता जताई थी कि सड़क नेटवर्क से बाहर निकलने वाले वाहन बिना भुगतान किए कैसे टोल वसूलेंगे। इस समस्या का भी समाधान कर लिया गया है। बैंकों को अब FASTag खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने और अधिक जुर्माना लगाने जैसे अधिकार मिलेंगे। पॉलिसी पर काम कर रहे सलाहकारों ने सुझाव दिया है कि बैंकों को सड़क किनारे मिलने वाली सुविधाओं के स्वामित्व में हिस्सेदारी दी जाए।यह नई नीति दिल्ली-जयपुर हाईवे से शुरू होने की संभावना है। एक अन्य अधिकारी के अनुसार, ऑटोमैटिक नंबर प्‍लेट रिकग्‍निशन (ANPR) सिस्टम को इस साल के अंत तक पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। इससे बिना रुकावट टोल वसूली हो सकेगी। शुरुआत में यह सिस्टम भारी वाहनों और खतरनाक सामग्री ले जाने वाले ट्रकों के लिए शुरू किया जाएगा। पूरे नेटवर्क की मैपिंग हो चुकी है। देशभर में सेंसर और कैमरे लगाए जा रहे हैं। FASTag और ANPR मिलकर एक आधुनिक टोल सिस्टम की जरूरतों को पूरा करेंगे।केंद्र सरकार राज्यों के साथ बातचीत कर रही है ताकि उनकी सड़कों को भी इस सिस्टम में शामिल किया जा सके। सरकार का लक्ष्य है कि सभी सड़कें इस सिस्टम से जुड़ जाएं। सरकार के दावों के बावजूद टोल प्लाजा पर अभी भी भीड़ और असुविधा होती है। पिछले 15 दिनों में राजमार्ग प्रबंधन अधिकारियों ने एजेंसियों, रियायतदारों और परियोजना निदेशकों के साथ दो बैठकें की हैं ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके। नई टोल नीति के बारे में कुछ अहम बातें- टोल शुल्क में राहत: नई नीति से लोगों को टोल शुल्क में लगभग 50% तक की राहत मिलने की उम्मीद है।- वार्षिक पास: कार मालिकों को 3,000 रुपये का एक वार्षिक पास मिलेगा। इस पास से वे पूरे साल बिना टोल दिए किसी भी हाईवे या एक्सप्रेसवे पर यात्रा कर सकेंगे।- प्रति किलोमीटर शुल्क: नई टोल नीति में टोल प्लाजा की जगह प्रति किलोमीटर के हिसाब से शुल्क लगेगा। लगभग, कारों को 100 किलोमीटर के लिए 50 रुपये देने होंगे।- टोल बूथों को हटाना: नई नीति में टोल बूथों को हटाने की योजना भी शामिल है।- इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग: नई टोल नीति बिना रुकावट वाले इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग को बढ़ावा देती है।- ANPR सिस्टम: ऑटोमैटिक नंबर प्‍लेट रिकग्निशन (ANPR) सिस्टम को इस साल के अंत तक पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा।सरकार का कहना है कि नई टोल नीति से लोगों को काफी फायदा होगा। इससे टोल शुल्क में कमी आएगी, यात्रा आसान होगी और टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ से भी छुटकारा मिलेगा।
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